उत्तराखंड
समाज कल्याण की समीक्षा बैठक : सीएम बोले, एक-एक पैसे का चाहिए हिसाब
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री रावत ने सख्त रूख अपनाते हुए अधिकारियों से कहा कि उनको एक-एक पैसे का हिसाब चाहिए। समाज कल्याण विभाग गरीबों की पेंशन और होनहारों की छात्रवृत्ति के पैसे का हिसाब रखें, यह एक सामाजिक और प्रशासनिक दायित्व भी है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि योजनाओं के अनुपालन की क्रॉस चेकिंग और उच्च स्तरीय अनुश्रवण लगातार होना चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने समाज कल्याण छात्रवृत्ति की धनराशि का पिछले कुछ सालो का वर्षवार विवरण भी तलब किया है। विवरण को अधिकारियों द्वारा बैठक में ना लाए जाने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि विवरण अगले 24 घण्टे में मुख्यमंत्री कार्यालय में उपलब्ध कराएं।
बैठक में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, निदेशक समाज कल्याण विष्णु सिंह धनिक, अपर सचिव वी. षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सूबे में 6.66 लाख पेंशनर्स पर प्रतिवर्ष 800 करोड़ व्यय :
मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को प्रदेश के दूरस्थ स्थानों में पेंशन शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये। ऐसे शिविरों को बहुद्देशीय बनाया जाए जहां बैंक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हों। पेंशन खातों को आधार नम्बर में लिंक करने का काम तेजी से हो। इसके लिये भी अभियान चलाकर कार्य किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र व्यक्तियों को ही पेंशन मिले यह सुनिश्चित किया जाय। किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जायेगी। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 6.66 लाख पेंशन लाभार्थियों पर लगभग 800 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष व्यय होता है।
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