एसजीएसटी बिल : हंगामेदार रहा सत्र का पहला दिन
देहरादून। एसजीएसटी बिल पास कराने के लिए लाए गए दो दिवसीय विधान सभा सत्र के पहला दिन सदन में खूब हंगामा हुआ। एपीएल का अनाज महंगा किए जाने सहित विधान सभा परिसर के अंदर डाक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाए जाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब बहस हुई। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार से स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सड़क जैसे बुनियादी मुद्दों से संबंधित सवाल पूछे।
सोमवार को विधान सभा सत्र के पहले दिन एपीएल के तहत मिलने वाले राशन की दरों में बढ़ोत्तरी किए जाने के मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस के सदस्य वेल तक में आ गए। वेल में खड़े होकर विपक्षी विधायकों ने सरकार से यह फैसला वापस लेने तथा पिछली दरों पर ही राशन मुहैया कराने की मांग की। दूसरी तरफ सरकार ने राशन की दरें बढाए जाने के फैसले का बचाव किया। सरकार की तरफ से मोर्चा संभालते हुए कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि राशन की दरों में की गई बढ़ोत्तरी ज्यादा नहीं है और इससे उपभोक्ताओं की जेब पर बड़ी मार नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष का विरोध अनावश्यक है। इसके अलावा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को लेकर भी सदन में खूम हंगामा हुआ। हंगामे की शुरुआत तब हुई जब भाजपा के विधायक देशराज कर्णवाल ने विधानसभा के भीतर डाक्टर अंबेडकर की मूर्ति लगाए जाने के फैसले पर सरकार को धन्यवाद दिया। कर्णवाल सरकार अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने की मांग की थी। इसी सिलसिले में जब वह सरकार का ध्न्यवाद कर रहे थे तो, विपक्ष ने भाजपा पर डाक्टर अंबेडकर का राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया।
विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि जिस तरह विधानसभा परिसर में अंबेडकर की मूर्ति लगाए जाने के बाद भाजपा विधायक को धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ने का समय मिला उसी डाक्टर अंबेडकर की उन मूर्तियों को खंटित किए जाने की घटनाओं पर भी चर्चा की जानी चाहिए। इसके अलावा सदन में पूर्व कैबिनेट मंत्री व निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने पर्वतीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने को लेकर सरकार से योजनाओं का ब्यौरा मांगा। साथ ही बुनियादी मुद्दों पर भी सवाल-जवाब हुए।
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