हिमालय के क्षेत्रों में नियोजन में भू-गर्भीय विज्ञान का अध्ययन जरूरी
डीबीएल संवाददाता/देहरादून।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट उत्तराखंड चैप्टर द्वारा स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड डिजाइन ,देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के समन्वय से हिमालय क्षेत्रों में आपदा रेजिलिएंट वास्तुकला विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इंस्टीडियन इंस्ट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट, प्रैक्टिसिंग आर्किटेक्ट, सबंधित सगठनों के साथ आर्किटेक्चर स्टूडेंट्स 100से ज्यादा सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य अतिथि आर्किटेक्ट दिव्यकुश पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आर्किटेक्ट ने कहा कि हिमालय के क्षेत्रों में नियोजन में भू गर्भीय विज्ञान का अध्ययन बेहद जरूरी है। कार्यशाला में जोशीमठ भूस्खलन पर डा गौतम रावत का विशेष सत्र का आयोजन किया गया ।
कार्यशाला विशेष रूप से कार्यक्रम में दो प्रतियोगिताओं की भी घोषणा की गई जिसमे इकोग्रुप के अध्यक्ष आशीष गर्ग एवम सचिव अनिल मेहता द्वारा छात्रों को प्लास्टिक वेस्ट के उपयोगी डिजाइंस विषय एवम आर्किटेक्ट देवेश नैनवाल द्वारा सस्टेनेबल विलेज माडल पर चमोली जिले में प्रतियोगिता की घोषणा की। इस दौरान उत्तराखंड राज्य में वास्तुकारों के लिए अवसर एवम चुनौतियों पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया । आर्किटेक्ट संजय भार्गव क्षेत्रीय प्रमुख हडको, राकेश पाल आर्किटेक्ट सीपीडब्ल्यूडी,आर्किटेक्ट देवेश नैनवाल, अनवर कमाल ने प्रतिभाग किया कार्यक्रम का समन्वय आर्किटेक्ट एवम सचिव आईआईए कृष्ण कुरियाल ने किया।
आर्किटेक्ट हेरिटेज फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित :
आर्किटेक्ट हेरिटेज फोटोग्राफी प्रतियोगिता में राजश्री राय प्रथम, क्षेत्रीय प्रमुख हडको संजय भार्गव को द्वितीय आशुतोष जोशी को तृतीय स्थान मिला। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।