उत्तराखंड

तकनीक: ‘नभ नेत्र’ से मिलेगी आपदा से होने वाले नुकसान की जानकारी

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से ‘नभ नेत्र’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है, किसी भी आपदा की स्थिति में ड्रोन तकनीक पर आधारित यह मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन आपदा संबंधी डाटा जुटाने में कारगर साबित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नभनेत्र की सराहना की और साथ ही DARC की टीम को प्रमाणपत्र भी दिए।

आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आने या आपात स्थिति बनने के समय डेटा जुटाने, प्रोसेस करने और स्थिति पर निगरानी रखने जैसी चुनौतियां रहती हैं। अब इन तमाम मोर्चों के लिए ड्रोन तकनीक की मदद बड़े पैमाने पर ली जा सकेगी। इसके लिए ड्रोन एप्लिकेशन रिसर्च सेंटर ने मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन विकसित किया है जिसका उद्देश्य आपदा या आपातकालीन स्थिति के दौरान ड्रोन का उपयोग करने एवं ड्रोन के माध्यम से डेटा एकत्रित करने में किया जायेगा। इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से आपदा पूर्व एवं आपदा के बाद की स्थिति का मानचित्र तैयार किया जाएगा। यह स्टेशन पूरी तरह एक वाहन पर स्थापित किया गया है। इस ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन को डेटा प्रोसेसिंग के लिए हाई स्पीड वर्कस्टेशन, बैंडविड्थ एग्रीगेशन और बिना नेटवर्क जोन वाले क्षेत्रों के लिए वी-सैट से युक्त किया गया है। इस वाहन का उपयोग उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन और सभी संवेदनशील आपदा संभावित क्षेत्रों की 3डी मैपिंग के लिए किया जाएगा।

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