टास्क फोर्स की मार्किंग से राजधानी के अतिक्रमणकारियों में दहशत
देहरादून। उच्च न्यायालय के आदेश पर राजधानी के जिला व पुलिस प्रशासन ने सड़कों पर अतिक्रमण को सख्ती के साथ ध्वस्त करने की दिशा में टास्क फोर्स गठित कर अतिक्रमण वाले स्थानों पर लाल निशान लगाना शुरू कर दिया है। टास्क फोर्स की मार्किंग से अतिक्रमण करने वालों के बीच बेचैनी व दहशत का माहौल बन गया है।
उत्तराखण्ड की राजधानी दून में कई जगह ऐसी है जहां लोगों ने कई सालों से अतिक्रमण कर कब्जा जमाया हुआ। ऐसे क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन ने कई बार जोर आजमाइश की लेकिन कभी कभी स्थानीय लोगों के विरोध के चलते वह अपनी कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने में सफल नहीं हो पाए। मामले में अब हाईकोर्ट की सख्ती और चार सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने क आदेश जारी किये गए हैं। चिन्हित जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसमें एमडीडीए के वीसी, एमएनए, एडीएम, एसपी सिटी शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को इस अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस अभियान के तहत दून को चार अलग जोन में बांटा गया है जहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा। पहले चरण में नेहरू कालोनी, बिंदाल, रिस्पना के आसपास से अतिक्रमण हटाया जायेगा तथा इसके बाद टीमें आगे बढ़ेंगी। पूरे अभियान की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई जाएगी। रेजिडेन्सियल क्षेत्रों को कॉमर्शियल में इस्तेमाल करने वालों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करते हुए उनके निर्माण को सील करेगा।
माना जा रहा है कि अभियान में सहयोग करने वाले अतिक्रमणकारियों को भविष्य में पुनर्वास के लिए राहत मिल सकती है लेकिन अतिक्रमण हटाने में सहयोग न करने वालों को सूचीबद्ध कर सरकार उनके साथ सख्ती से पेश आ सकती है।