सराहनीय: स्वच्छता की अलख जगा रहीं केशर वाला गांव की महिलायें
पंकज भार्गव
गीता राणा, प्रीति नैथानी, शिल्पा स्वरूप, शिवानी नेगी, पूनम नेगी जैसी दर्जनों महिलायों ने अपने घर आंगन तक ही नहीं बल्कि अपने केशरवाला गांव को साफ सुथरा बनाने का बीड़ा उठाया हुआ है। उनका कहना है कि लोगों की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी के चलते कुछ समय पहले सड़क और जंगल किनारे बिखरे कूड़े-कचरे ने गांव की तस्वीर को बदसूरत बना दिया था। पर्यावरण के प्रति नजरअंदाजी से होने वाले खतरों के प्रति जागरूक इन महिलायों ने खुद ही गांव की सफाई करनी शुरू की देखते ही देखते गांव का परिदृश्य चकाचक दिखने लगा है।
बातचीत के दौरान महिलाओं ने बताया कि उनका गांव नगर निगम के क्षेत्र में आ गया है लेकिन अभी कचरा निस्तारण सम्बंधी सुविधायें बेहद लचर हैं। घर से निकलने वाले कचरे को कुछ लापरवाह लोग अभी भी सड़क या जंगल के किनारे सरका देते हैं। कई बार ऐसे लोगा मुंहजोरी करने पर भी उतारू हो जाते हैं, लेकिन समूह से जुड़ी एकजुट महिलायें ऐसे लोगों की निगरानी कर उन्हें सबक सिखाने की योजना बना रही हैं।
हाल ही में दून की अभिव्यक्ति सोसाइटी द्वारा केशरवाला में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन विषय पर आयोजित जागरूकता शिविर में महिलाओं व युवाओं ने पूरे उत्साह के सहभागिता की। महिलाओं ने प्लास्टिक के दोबार इस्तेमाल से ईको ब्रिक बनाने की प्रक्रिया को सीखा और गांव के अन्य लोगों को भी ईको ब्रिक बनाने के लिए जागरूक करने का संकल्प लिया। पर्यावरण संरक्षण और समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहीं इन महिलाओं की निगम प्रशासन से यह मांग है कि की कचरा उठाने वाली गाड़ी और सार्वजनिक डस्टबिन की नियमित तौर पर व्यवस्था की जाए।