किसानों का ऋण माफ करे प्रदेश सरकार: दिवाकर भट्ट
देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के केन्द्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा है कि प्रदेश में कर्ज माफी के लिए किसानों की आत्महत्यायें बेहद शर्मशार करने वाला विषय है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर किसानों के हित में आज तक प्रदेश सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई ऋण माफी नहीं की है और न ही किसी भी प्रकार का मुआवजा दिया गया है।
मंगलवार को उत्तराखंड क्रांति दल के कचहरी रोड स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में दिवाकर भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को अविलंब ऋण माफ करें, वर्ना इस मांग को लेकर जनांदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि खनन और चुगान को लेकर भी सरकारें अभी तक अपनी नीति स्पष्ट नहीं कर पाई है। भट्ट ने कहा कि चुगान के द्वारा नदी नालों को साफ किया जा सकता है जिससे बाढ़ की समसया से निजात मिलेगा और किसानों के खेतों व आबादी क्षेत्र में आ रही बाढ़ की समस्या का भी काफी हद तक समाधान हो सकेगा। उन्होंने मांग करी कि बाढ़ के दौरान कृषि भूमि में एकत्र मलबे को भूस्वामी के अधिकार क्षेत्र में चुगान व उठान दिया जाये या फिर खेतों में कृषि नुकसान की भरपाई खुद सरकार करे।
भट्ट ने कहा कि राज्य गठन में यहां की मातृशक्ति का अहम् योगदान रहा है। वहीं दूसरी ओर बीते दिनों हमारी मातृशक्ति की शराब नीति को लेकर उठाई गई आवाज को प्रदेश सरकार ने दबा दिया। जिला प्रशासन ने महिलाओं पर मुकदमे तक दायर कर दिये। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को शराब मुक्त बनाने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल हमेशा पक्षधर रहा है। शराब के विरोध में दल का पूर्ण रूप से समर्थन दिया गया। भट्ट ने सरकार से यह भी मांग उठाई कि शराब विरोधी आंदोलन के दौरान महिलाओं पर दर्ज किये गये मुकदमों को सरकार को तत्काल वापस ले वर्ना आंदोलन किया जाएगा। किया जायेगा। साथ ही उन्होंने मांग उठाई कि राज्य की परिसंपत्तियांे को शत फीसदी वापस लेकर राज्य के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया जाए।
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