उत्तराखंड

आपदा के दौरान मीडिया और आपदा प्रबंधन तंत्र का समन्वय जरूरी

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

मीडिया की भूमिका आपदा के दौरान अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाती है। मीडिया के माध्यम से जनता के बीच ऐसी सूचनाएं जानी चाहिए, जिससे प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा न हों। उत्तराखंड सचिवालय परिसर स्थित आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र सभागार में शनिवार को आपदा प्रबंधन में मीडिया की भूमिका पर आयोजित कार्यशाला में अपर सचिव आपदा प्रबंधन आनन्द श्रीवास्तव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया और आपदा प्रबंधन तंत्र का समन्वय जरूरी है।

अधिशासी निदेशक डॉ. पियुष रौतेला ने बताया कि भू-वैज्ञानिक व भौगोलिक परिस्थितियों के साथ ही मौसम सम्बन्धित विषमता उत्तराखण्ड को कई आपदाओं के प्रति अत्यन्त संवेदनशील बनाती हैं और इनके कारण प्रत्येक वर्ष जन-धन की भारी क्षति होती है। आपदाओं से होने वाली इस क्षति को जन-जागरूकता के द्वारा कम किया जा सकता है। आपदा उपरान्त किये जा रहे राहत, बचाव एवं पुनर्वास सम्बन्धित कार्यों के प्रचार-प्रसार से प्रभावित जन समुदाय का मनोबल बनाये रखने में मीडिया सहयोगी की भूमिका निभा सकता है।

कार्यशाला में सूचनाओं के तीव्र प्रेषण तथा मीडिया प्रबन्धन पर विशेष बल दिया गया तथा कवरेज के दौरान मीडिया अपने कर्तव्य का निर्वहन संवेदनशीलता के साथ लोकहित की निजता को सुरक्षित रखते हुए कर सके, इस पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया। आपदा से कम से कम जान-माल का नुकसान हो इसके लिये जन जागरूकता के साथ तथ्यों की सही जानकारी आम जनता तक पहुंचना जनहित के लिये जरूरी होती है।

इस मौके पर नोडल अधिकारी सूचना मनोज श्रीवास्तव, प्रभारी समाचार दूरदर्शन राघवेश पाण्डे, अनुपम त्रिवेदी, सुभाष गुप्ता सहित मीडिया के प्रतिभागी मौजूद रहे।

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