उत्तराखंड

चाइल्ड फ्रेंडली शहर बनेगा दून : बाल अधिकारों के लिए सभी को आगे आना होगा – सत्यार्थी

डीबीएल संवाददाता

देहरादून। देहरादून देश का पहला शहर है, जहां से चाइल्ड फ्रेंडली शहर की शुरूआत हो गई है। देहरादून के आईएसबीटी के निकट स्थानीय होटल में देहरादून स्मार्ट सिटी लि. की चाइल्ड फ्रेंडली और क्म्यूट फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट परियोजना मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, भारत में फ्रांस के राजदूत एमानुवेल लिनेन, ने बच्चों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर परियोजना का शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिए सम्मान की बात है। सम्मानजनक होने के साथ-साथ, यह चुनौतीपूर्ण भी है। उन्होंने कहा कि संवेदनाओं की पराकाष्ठाओं से ही कैलाश सत्यार्थी जैसे लोग पैदा होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई शहर तभी स्मार्ट हो सकता है, जहां बच्चों की सुरक्षा हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। देहरादून स्मार्ट सिटी की चाईल्ड फ्रेंडली और कम्यूट फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट परियोजना, शहर में बच्चों के लिए सुरक्षित यातायात उपलब्ध कराने में निश्चित रूप से सफल होगी।

शांति नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि मैं जब भी उत्तराखण्ड आता हूं, ऐसा लगता है कि यहां की हवाओं में ऋषि परम्परा एवं अध्यात्म की चेतना गूंज रही है। बाल मित्र देहरादून का सपना यही ऋषि परम्परा है। उत्तराखण्ड सरकार ने यह कदम रखकर बड़ी जिम्मेदारी उठा ली है। इस जिम्मेदारी का निर्वहन सरकार के साथ ही समाज, विभिन्न संस्थानों एवं मीडिया को मिलकर करना होगा। इस जिम्मेदारी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बहुत परिश्रम की आवश्यकता है। बाल अधिकारों की रक्षा एवं बाल श्रम के विरूद्ध हमें मजबूती के साथ खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए ईश्वर हमें प्रेरणा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि मैं बच्चों को आजाद नहीं कराता, बल्कि वे मुझे आजाद कराते हैं।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि देहरादून तेजी से स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहा है। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत देहरादून देशभर में 19वीं रैंक पर है। उन्होंने कहा कि देहरादून को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने में आप सब के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में बच्चों के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। कुपोषण से मुक्ति हेतु बच्चों को गोद लेने की प्रथा शुरू की गयी है। इसके साथ ही ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ द्वारा प्रदेश में बालिकाओं की स्थिति में सुधार हुआ है।

इस मौके पर मिशन डायरेक्टर स्मार्ट सिटी भारत सरकार कुनाल कुमार, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, सहदेव सिंह पुण्डीर सचिव शहरी विकास शैलेष बगोली, कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन, दून के जिलाधिकारी एवं सीईओ स्मार्ट सिटी आशीष श्रीवास्तव मौजूद थे।

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