अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम : डोईवाला के भोगपुर क्लस्टर में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन कार्य को बताया अनुकरणीय
देहरादून। पंचायतीराज विभाग के तत्वावधान में प्रदेश के 300 महिला पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के लिए तीन दिवसीय (22 से 24 मई 2018) अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण के दौरान सीखे तथ्यों और देहरादून जिले की आदर्श ग्राम पंचायतों में क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्राप्त अनुभवों और अपनी पंचायतों से जुड़े अनुभवों को एक-दूसरे के साथ साझा किया। प्रतिभागियों के प्रस्तुतिकरण में डोईवाला विकास खण्ड के भोगपुर क्लस्टर में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए संयुक्त समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों को ग्राम पंचायतों में अनुकरण करने का सुझाव दिया गया। यह भी जानकारी दी गई कि कम संसाधनों में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लघु उद्यम स्थापित कर आर्थिकी को मजबूत बनाया जा सकता है। समापन अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर निदेशक पंचायतीराज एचसी सेमवाल ने बताया कि विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के साथ प्रतिभागियों का संवाद स्थापित कर लक्ष्य समूहों का कौशल विकास किया जा रहा है। इससे उत्तराखंड के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों तक जानकारी का प्रसार संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज विभाग द्वारा अभिनव कार्यक्रमों का आयोजन कर प्रदेश की पंचायतों को सशक्त बनाने की पहल की जा रही है।
इस अवसर पर महिलाओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर अपने व्याख्यान में डॉ. पूनम मैठाणी ने बताया कि महिलाओं को अपने कार्यों के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना होगा। स्वस्थ्य शरीर के साथ मन का भी स्वस्थ रहना आवश्यक है। उन्होंने आह्वान किया कि महिलाओं को अपने पोषण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उत्तरकाशी से प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहीं प्रधान पूनम रमोला एवं रूद्रप्रयाग की संतोषी नेगी ने ग्राम पंचायत डाकपत्थर भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में जोड़ा गया है, ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने के लिए सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की आवश्यकताओं के आधार पर सड़क, हैंडपम्प, सोलर पैनल, पार्किंग स्थल आदि का निर्माण अनुकरणीय है।
पिथौरागढ़ की दीपा देवी बागेश्वर की विमला देवी एवं पौड़ी की मीनाक्षी रावत द्वारा सहसपुर ब्लाक में बाल पोषाहार यूनिट एवं पंडितबाड़ी में सेनेटरी नैपकिन यूनिट के अनुभवों को साझा करते हुए बताया महिलाओं द्वारा स्वरोजगार के क्षेत्र में सराहनीय एवं प्रेरणादायी कार्य किया जा रहा है जिससे एक ओर स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है वहीं लघु उद्यम स्थापित करने में महिलाओं को प्रेरणा भी मिल रही है।
अल्मोड़ा की कौशल्या बिष्ट और दुर्गा बिष्ट ने भोगपुर में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की दिशा में कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों द्वारा जैविक और अजैविक कूड़े को अलग-अलग किया जा रहा है, जिससे एक ओर कूड़े का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है वहीं कूड़े से पंचायतों को आय भी प्राप्त होने लगी है।
समापन अवसर पर संयुक्त निदेशक डीपी देवराड़ी ने कहा कि अभिनव प्रशिक्षण की इस श्रंखला में विशेषज्ञों के व्याख्यान के साथ-साथ शैक्षणिक भ्रमण के दौरान व्यावहारिक रूप में किए जा रहे कार्यां का अवलोकन करने का अवसर दिया जाता है जिससे सीखने और समझने की प्रक्रिया तेजी से बढ़ती है।
इस अवसर पर सहायक निदेशक मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायतों के विकास योजनाओं के निर्माण में आशा और आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है क्यों कि ये सभी ग्रामवासियों से जुड़ी होने के साथ ही वहां के संसाधनों की व्यावहारिक जानकारी रखती हैं। वित्त नियंत्रक प्रतिभा पैन्यूली ने कहा कि महिलाओं को राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी रखते हुए उसका लाभ लेना चाहिए। प्रकाश रतूड़ी द्वारा बताया गया कि सहभागिता के आधार पर ग्राम पंचायतों को ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की कार्ययोजना तैयार कर कूड़े का सही तरीके से निस्तारण किया जा सकता है।
सहायक लेखा अधिकारी आशा राम कुमेड़ी, जिला पंचायतराज अधिकारी जफर खान, सीपी सुयाल, सतपाल राणा, श्रति काला, अन्तरा, प्रद्युमन, सहित प्रदेश भर से प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे 95 विकासखण्डों के 300 महिला प्रतिभागी मौजूद थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन विषयों की दी गयी जानकारी :
– महिला सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
– महिला स्वरोजगार एवं स्वरोजगार प्रबंधन
-महिला -किशोरी स्वास्थ्य एवं सावधानियां
– पंचायतों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नीति 2017
– जीपीडीपी एवं ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भूमिका।
– महिलाओं के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों की विकास योजनाओं की जानकारी।