बावरिया गिरोह की दस्तक ने उड़ाई पार्क प्रशासन की नींद
देहरादून। वन्यजीवों की तस्करी से जुड़े बावरिया गिरोह की गतिविधियों की दस्तक से राजाजी पार्क प्रशासन की नींद उड़ गई है। प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर छापेमारी शुरू कर दी है। राजाजी टाइगर रिजर्व से सटी सीमाओं और रेलवे स्टेशन सहित बस अड्डों पर भी चेकिंग की जा रही है।
वन्यजीवों की तस्करी के लिए कुख्यात बावरिया गिरोह वन प्रशासन के लिए सिरदर्द बना है। राजाजी से लेकर जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में होने वाले वन्यजीवों के शिकार की कई घटनाओं में बावरिया गिरोह का हाथ होना सामने आ चुका है। सूत्रों के अनुसार अभी तक पांच बावरिया गिरोहों को चिन्ह्ति किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस गिरोह के करीब 88 सदस्य सक्रिय हैं। हाल में हुई बाघ व गुलदार की खालों की बरामदगी के मामले में भी बावरिया गिरोह का नाम सामने आया था। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर ने बताया कि खुफिया सूचना मिली है कि बावरिया गिरोह के कुछ सदस्य हरिद्वार एवं आसपास के क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं और वे राजाजी पार्क में शिकार की घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसे देखते हुए रिजर्व में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
रिजर्व पार्क में गश्त को तेज कर दिया गया है। बावरिया गिरोह के छुपने के संभावित इलाकों गंगाभोगपुर और हरिद्वार में चंडीपुल क्षेत्र में दो बस्तियों में छापेमारी की जा रही है। अभी पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया है लेकिन पुलिस पूरी तरह से मुस्दैद होकर छापेमारी में जुट गई है।
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