राज्य की आर्थिक व्यवस्था चरमराई : डॉ. इंदिरा
हल्द्वानी/देहरादून। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि भाजपा प्रदेश सरकार की गलतियों का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खनन बंदी मामले में सरकार ने न्यायालय जाने में देरी की है जिससे राज्य में आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है।
डॉ. हृदयेश ने गुरुवार को अपने हल्द्वानी स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य सरकार के कोर्ट जाने में हुई देरी से राज्य में खनन तो पूरी तरह बंद होकर रह गया है। साथ ही बेरोजगारी भी बड़ी है। हजारों मजदूर काम बंद होने से पलायन कर गये हैं। वहीं खनन बंदी से बैंक से लोन पर लिये गये डंपर स्वामियों पर प्रतिमाह बैंक की कर्जदारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहती तो समय रहते कोर्ट जाकर इस मुसीबत को पार पाया जा सकता था।
डॉ. हृदयेश ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वोट मांगते समय कहा था कि भाजपा के जीतने पर यहां डबल इंजन की सरकार होगी। जिससे और अधिक तीव्र गामी गति से प्रदेश का विकास होगा, लेकिन आज स्थिति यह आ गई है कि सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं मिल पायी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पूरे प्रदेश में शराब बंदी के पक्ष में है। उन्होंने स्वयं ही सदन में शराबबंदी की मांग उठाई थी, लेकिन सरकार ने इसे जनजागरण के मुद्दे के साथ जोड़ते हुए टाल दिया था। उन्होंने मांग की है कि आज जिस तरह मातृशक्ति शराब के विरोध में सड़कों पर उतर आयी है उसे देखते हुए सरकार को चाहिए कि वे प्रदेश को पूर्ण रूप से शराब मुक्त प्रदेश घोषित करें।
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