डीजीपी ने किया सतीश चन्द्र शुक्ल के उपन्यास ‘बाल गुरू’ का विमोचन
देहरादून। सतीश चन्द्र शुक्ल, आईपीएस सेनि. द्वारा लिखित उपन्यास ‘बाल गुरू’ का विमोचन पुलिस महानिदेशक अनिल.के. रतूड़ी ने सहस्त्रधारा रोड स्थित ऊषा क्लब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया। शुक्ल, पुलिस उपमहानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वर्तमान में सदस्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण, देहरादून हैं। शुल्क के दो कहानी संग्रह ‘और लड़की जीत गई’ एवं ‘आस-पास’ तथा उपन्यास ‘इत्नी सी बात’ भी प्रकाशित हो चुके हैं।
सतीश चन्द्र शुक्ल ने बताया कि ‘बाल गुरू’ उपन्यास एक आत्म-कथात्मक अभिव्यक्ति है, जिसमें कथानक का मुख्य पात्र बुस्सैन, जो किशोर वय को प्राप्त हो रहा है, अपने से उम्र में छोटे किन्तु कुशाग्र सहपाठी को मित्र बना लेता है। बुस्सैन की ग्रामीण परवरिश और मित्र की कस्बाई संस्कृति आपस में घुलने लगती हैं। बुस्सैन का बाहुबल और मित्र का बुद्धिबल परस्पर घनिष्ठता का कारण बन जाता है। इसके बाद मित्र के नन्हें मस्तिष्क में बुस्सैन के किशोर विचार प्रवेश करने लगते हैं और हर-दिन एक नया-काण्ड कथानक में जुड़ता जाता है। बाल-गुरु ऐसी ही जीवन्त घटनओं की एक लयपूर्ण श्रृंखला है जो स्कूल की शरारतों, अपरिपक्व-उम्र की यौन वर्जनाओं और भ्रान्तियों का ऐसा दस्तावेज है जो अनेक ऐसे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं तथा विषयों की ओर ध्यानाकर्षण करता है, जिनके बारे में लोग आज भी खुल कर बात करने से कतराते हैं। यही दोहरी मानसिकता अन्त में व्यक्तित्व की कमजोरी बन जाती है।
कार्यक्रम में इन्दु कुमार पाण्डे, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन, पूर्व पुलिस महानिदेशक पीडी रतूड़ी, कंचन चैधरी, ज्योति स्वरूप पाण्डे, सत्यव्रत बंसल, सुभाष जोशी, राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक संचार, निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. राम विनय सिंह, प्रो. डीएवी काॅलेज देहरादून ने किया।