डीबीएल संवाददाता / देहरादून।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) उत्तराखंड द्वारा तम्बाकू रोकथाम व उसके दुष्प्रभावों पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन देहरादून स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में किया गया। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जागरुकता कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं को तम्बाकू से होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरुक करते हुए स्वाति एस भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. ने छात्रों से कहा कि हम सभी अपने आसपास के लोगों को तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इस खतरनाक आदत से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।
इस दौरान नुक्कड़ नाटक व फ्लैश मॉब के जरिए तम्बाकू रोकथाम पर जागरुक किया गया व साथ ही गणमान्य अतिथियों द्वारा तम्बाकू रोकथाम पर आयोजित पैनल डिसकशन में विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया।
डॉ आदित्य सिंह, प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एन.टी.सी.पी.) ने बताया तम्बाकू का उपयोग रोकने के लिए सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा) को राज्य में लागू किया गया है। कोटपा, 2003 के उल्लंघन पर व्यक्तियों का चालान काटा जाता है एवं अर्थदण्ड की वसूली की जाती है।
इस मौके पर स्कूल प्रिंसिपल बूपेश कुमार सिंह, वाइस प्रिंसिपल सुजाता सिंह व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्रभारी अधिकारी डॉ अजय कुमार नगरकर, डॉ फरीदुजफर, डॉ पकंज सिंह, डॉ अर्चना ओझा, डॉ आकांक्षा निराला आदि मौजूद रहे।