पौड़ी जिला मुख्यालय में खुले आरोग्य नर्सिंग होम पर ताले जड़ दिए गए हैं। स्वास्थ्य महकमें के जागरूक अधिकारियों ने सोमवार देर सांय नर्सिंग होम में छापा मारा और नर्सिंग होम संचालित करने का लाइसेंस न होने के साथ ही चिकित्सक के पास आवश्यक डिग्री न होने के चलते नर्सिंग होम व दवाइयों को सीज कर दिया गया। औषधि निरीक्षक सुधीर कुमार ने जानकारी दी कि नर्सिंग होम खोलने की स्वीकृति नहीं मिलने के अलावा संचालक डाक्टर अपनी डिग्री भी नहीं दिखा पाए। जांच में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार व डॉ. प्रदीप राणा भी शामिल थे। मंडल मुख्यालय में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर बदहाल जिलाचिकित्सालय के अलावा झोला-छाप डाक्टरों की दवा की पुड़िया ही गढ़वाल में बसर कर रहे नागरिकों के जीवन का सहारा हैं। विना लाइसेंस डाक्टरों की कई दुकाने चल रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सब नजर अंदाज कर रहा है। मात्र तीन हफ्ते में सुर्खियां बटोरने लगे आरोग्य नर्सिंग होम में जैसे ही रोगियों की लाइन लगने लगी कि उससे पहले ही स्वास्थ्य महकमा सजग हो उठा और उन्होंने आवश्यक लाइसेंस न होने आदि आरोप में नर्सिंग होम व दवाइयों को सीज कर दिया है। संचालक डॉक्टर तत्संबधी कागजात तैयार करने के लिए दिल्ली-देहरादून रवाना हो गया है। स्वास्थ्य विभाग अपनी इस कार्रवाही को महत्वपूर्ण मान रहा है और बेशक जनता के जीवन से खिलवाड़ करने का किसी भी चिकित्सक अथवा फर्जी चिकित्सा को प्रश्रय नहीं मिलना चाहिए लेकिन क्या स्वास्थ्य महकमा ईमानदारी से जनता के प्रति अपनी इस जबावदेही को निभा पा रहा है इस पर तरह-तरह के सवाल खडे़ किए जा रहे हैं।
key words : Pauri, health, crime, medician, government action