राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम: उत्तराखंड में 2 लाख से अधिक लोगों की आंखों को स्वस्थ करने का लक्ष्य
डीबीएल संवाददाता /देहरादून
राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम एवं दृष्टिविहीनता (एन.पी.सी.बी.) का असर उत्तराखंड में भी देखने को भी मिल रहा है। जिसके तहत प्रदेश में दृष्टिहीनता से ग्रसित मरीजों के आंकड़ो में कमी आ रही है। नेत्र ज्योति अभियान के तहत आगामी साल 2025 तक राज्य में मोतियाबिन्द ऑपरेशन कर प्रदेश को अंधता और गंभीर दृष्टिविहीनता से ग्रसित लोगों को मुक्त किया जाना है।
डा. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 66 हजार व्यक्ति अंधता एवं 64 हजार व्यक्ति नेत्रों के गंभीर रोग का सामना कर रहें है। साथ ही यह भी अनुमान है कि अंधता व नेत्रों के गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में प्रतिवर्ष 20 फीसदी की वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी 3 साल में 2 लाख 15 हजार 4 सौ मोतियाबिन्द ऑपरेशन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसमें वर्ष 2022-23 में 59 हजार 8 सौ मोतियाबिन्द ऑपरेशन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
इस दौरान जनपद अल्मोडा को 2,200, बागेश्वर 2,000, चमोली 2,000, चम्पावत 1,800, देहरादून 10,000, हरिद्वार 11,000, नैनीताल 5,800, पौड़ी गढ़वाल 6,000, पिथौरागढ़ 2,000, रूद्रप्रयाग 3,000, टिहरी गढवाल 2,800, ऊधम सिंह नगर 8500 व उत्तरकाषी 2,700 के औसतन लक्ष्य निर्धारित किये गये है।
राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के सफल संचालन के लिए सूबे के समस्त जनपदों को प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है व अभियान का कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है। राज्य स्तर से अनुश्रवण समिति द्वारा जनपदों के द्वारा किये गये कार्यो की समीक्षा भी की जायेगी एवं राज्य में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अन्तर्गत ब्लाॅक स्तर के द्वारा निरन्तर प्रयास किये जायेंगे।