उत्तराखंड

प्रदेश में तीन दिनों तक मौसम का रेड एवं ऑरेंज एलर्ट

मौसम विभाग द्वारा जारी रेड तथा ऑरेंज अलर्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश के अधिकांश जनपदों के लिए जारी रेड तथा ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने तथा 24×7 अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएं। भूस्खलन के दृष्टिगत मार्गों में विशेष सतर्कता बरती जाए तथा मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की आशंका को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं।

रविवार को मुख्यमंत्री ने शासन तथा जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आपदाओं में बेघर हो गए हैं, सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और उनके बेहतर से बेहतर पुनर्वास के लिए हर स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्रता से कार्य करते हुए मैदानी जनपदों में पुनर्वास किए जाने के विकल्पों पर भी कार्य करें।

देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार के लिए रेड अलर्ट :

दिनांक 01.09.2025 को राज्य के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, तथा हरिद्वार जनपदों में कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा होने के साथ कुछ स्थानों में भारी से बहुत भारी वर्षा/गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने/वर्षा के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना है (रेड अलर्ट)। साथ ही राज्य के शेष जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा / गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने /वर्षा के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना है (ऑरेंज अलर्ट)। वहीं दिनांक 02.09.2025 को राज्य के देहरादून, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली एवं बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा/गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने/ वर्षा के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना है (ऑरेंज अलर्ट)।

नदियों के जलस्तर पर रात्रि में भी रखें नजर :

सीएम धामी ने अगले कुछ दिनों में नदियों के जलस्तर पर गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रात्रि के समय भी पहाड़ी तथा मैदानी इलाकों में नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जाए। लोगों को सचेत किया जाए और कोई भी खतरा महसूस होने पर तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं।

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