ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सूबे का पंचायती राज विभाग मुश्तैद
दून के गांवों में 62 मास्टर्स ट्रेनर्स देंगे ग्राम पंचायतों को प्रशिक्षण :
देहरादून। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत उत्तराखंड के हर गांव में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सूबे का पंचायती राज विभाग पूरी मुश्तैदी से तैयारियां को अंजाम देने में लगा है। इस कड़ी में देहरादून जनपद की ग्राम पंचायतों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर जागरूक करने के लिए 62 मास्टर्स ट्रेनर्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार को संम्पन्न हो गया।
पंचायती राज विभाग, उत्तराखंड के तत्वावधान में दून के गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को विकसित किए जाने को लेकर मास्टर्स ट्रेनर्स के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण का मंगलवार को समापन हो गया। आईसीएम, राजपुर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक डीपी देवराड़ी एवं उप निदेशक मनोज तिवारी ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि राज्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कामयाबी को 21000 मास्टर्स ट्रेनर्स की टीम तैयार की जाएगी। विभाग के वरिष्ठ प्रशिक्षक प्रकाश रतूड़ी ने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के तहत ग्राम पंचायतों को और अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा।
प्रशिक्षण में पाववाला सौड़ा के प्रधान विजय पंवार, प्रधान डाकपत्थर सुबोध गोयल, प्रधान अम्बाड़ी बाला चौहान, पुरोहितवाला की प्रधान मीनू क्षेत्री, अभिव्यक्ति संस्था की दामिनी ममगाईं आदि ने अपने विचार साझा किए।
ये है ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन :
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत सूबे की प्रत्येक ग्राम पंचायत एक ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की कार्यप्रणाली को स्थापित करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य गांव को कूड़ा मुक्त करना है जिससे आसपास के वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके। प्लास्टिक ठोस कूड़े का अवयव है किंतु इसके प्रबन्धन के लिए अलग नियमों का प्रावधान किया गया है।
केंद्र की टीम ने गतिविधियों का लिया जायजा :
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान केंद्र की पंचायती राज मंत्रालय से आई टीम ने भी गतिविधियों का जायजा लिया और ग्रामीण क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर सूबे की तैयारियों को सराहा। केंद्र की टीम में डॉ. एसएस मीनाक्षी सुंदरम, विशेषज्ञ एनआरएलएम जगजीवन एवं यूएनडीपी सलाहकार शिवद्रतकार मौजूद रहे।