उत्तराखंड रोडवेज में हड़ताल पर लगा प्रतिबंध
देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम में चारधाम यात्रा के मद्देनजर एस्मा लागू कर दिया गया है। परिवहन सचिव सीएस नपलच्याल ने एस्मा लागू होने से सम्बंधित निर्देश रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधकों व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को जारी कर दिया है। अब रोडवेज में छह माह तक कोई हड़ताल नहीं हो सकेगी। हालांकि एस्मा लागू करने की वजह चारधाम यात्रा बताई जा रही है, मगर इसके पीछे रोडवेज कर्मियों द्वारा दी गई हड़ताल की धमकी एक बड़ी वजह है।
गौरतलब है कि रोडवेज कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 16 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी, लेकिन वे अब ऐसा नहीं कर पायेंगे। जिसकी वजह परिवहन निगम में एस्मा का लागू होना है। कहा जा रहा है कि चार धाम यात्रा एवं पर्यटक सीजन शुरू होने के चलते यह कदम उठाया गया है, ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
केंद्र सरकार ने 1968 में लागू किया था ‘एस्मा’
एस्मा सरकार के पास एक ऐसा हथियार है जिससे वह जब चाहे कर्मचारियों के आंदोलन को कुचल सकती है विशेषकर हड़ताल पर प्रतिबंध लगा सकती है और बिना वारंट के कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर सकती हैं। एस्मा लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो यह अवैध एवं दंडनीय माना जाता है।
एस्मा का तात्पर्य है एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट जिसे हिंदी में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून का नाम दिया गया है। हालांकि यह कानून केंद्रीय है और 1968 में इसे लागू किया गया था। राज्य सरकारें इस कानून को लागू करने के लिये स्वतंत्र हैं थोड़े बहुत परिवर्तन कर राज्य सरकारों ने इसे अपना कानून भी बना लिया है और अत्यावश्यक सेवाओं की सूची भी अपने अनुसार बनाई है।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Rodways, Esma, Strike Restriction