भारतीय बौद्ध विद्वान को वॉल्फसन कॉलेज ने दी मानद फैलोशिप
देहरादून। दुनिया के जाने-माने मानवतावादी, पर्यावरणविद, महिला अधिकारों के संरक्षक एवं बौर्द्ध धर्म के दु्रकपा वंश के आध्यात्मिक प्रमुख ग्यालवांग द्रुकपा को हिमालय में सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति उनके अथक प्रयासों के लिए ऑक्सफोर्ड के वॉल्फसन कॉलेज के द्वारा प्रख्यात मानद फैलोशिप दी गई। परमपूज्य ने 2012 में वॉल्फसन के तिब्बती एवं हिमालयी अध्ययन केन्द्र का दौरा किया था। यह केन्द्र यूके में स्थित हिमालयी पर्यावरणी शिक्षा का अनूठा केन्द्र है जो बड़ी संख्या में लोगों को अंतःविषयी अनुसंधान के अवसर प्रदान करता है। यह हिमालयी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने में अग्रणी भूमिका निभाता है तथा एशिया के तिब्बती, हिमालयी बौद्ध समुदायों तथा ऑक्सफोर्ड के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है साथ ही युवा विद्वानों को सर्वश्रेष्ठ सम्भव प्रशिक्षण प्रदान करता है।
ग्यालवांग द्रुकपा ने कहा है कि मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे वॉल्फसन ऑनोरेरी फैलो की सूची में शामिल किया गया है। पिछले पांच सालों के दौरान कॉलेज के साथ काम करने का अनुभव बेहतरीन था, इसने हिमालय की विविध संस्कृति एवं इसके इतिहास को प्रोत्साहित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। 2015 में वॉल्फसन कॉलेज ने परमपूज्य के सम्मान में ‘द ग्यालवांग दु्रकपा स्कॉलरशिप’ की शुरूआत की और यह पुरस्कार भावी पीढ़ियों के लिए हिमालयी सांस्कृतिक इतिहास के संरक्षण एवं प्रशिक्षण में उनके योगदान के लिए दिया जाता है।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Honorary Fellowship, Indian Buddhist Scholar