उत्तराखंड

राज्यपाल ने हिमालयन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को उपाधि प्रदान की

डीबीएल संवाददाता/देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को जाॅलीग्राण्ट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पदक भी प्रदान किये। दीक्षांत समारोह में मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को राज्यपाल ने उन्हें मरीजों से मित्रवत व्यवहार करने की सलाह दी। राज्यपाल ने कहा कि आपके पास आने वाला मरीज केवल एक मरीज ही नहीं होता है बल्कि जीवन में नई ऊर्जा के लिए भी आता है। इसलिए उसको आपके मित्रवत प्रोत्साहन की भी जरूरत होती है।

राज्यपाल मौर्य ने कहा कि चिकित्सा सर्वसुलभ होनी चाहिए। विश्वविद्यालय को सस्ते उपचार और ग्रामीण स्वास्थ्य के क्षेत्र मे शोधकार्य करने चाहिए। पर्वतीय क्षेत्र में डाक्टरों की कमी का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने युवा चिकित्सकों को समाज और राष्ट्र सेवा के लिए आगे आने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि देश डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसे लाइफ स्टाइल रोगों से लड़ रहा है तो दूसरी ओर कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य विकार और चोट के कारण होने वाली बीमारियों में वृद्धि हो रही है। आपकी सेवाओं की देश को जरूरत है। उत्तराखण्ड योग तथा आयुर्वेद की महान परंपराओं क लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आयुष चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ विकसित करते हुए समग्र उपचार’ की विश्व-स्तर की परंपरा स्थापित करने की अपार संभावना है।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा की वास्तविक कसौटी विद्यार्थी के चरित्र, समाज के प्रति संवेदनशीलता तथा आचरण में दिखाई देनी चाहिए। सही मायने में आधुनिक सोच व सफल शिक्षा वही है जिसमें समाज के कमजोर वर्गों के हित को विशेष महत्व दिया जाता हो। दीक्षांत समारोह में चिकित्सा विज्ञान के 177 पोस्ट ग्रेजुएट, ग्रेजुएट और डिप्लोमा, नर्सिंग के 131, पैरामेडिकल के 139, इंजीनियरिंग के 63 तथा मैनेजमेण्ट के 106 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। स्नेहा देवली को नर्सिंग में सर्वश्रेष्ठ स्नातक तथा विवेक राजदेव को एम.बी.बी.एस में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक भी प्रदान किये गये। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति विजय धस्माना तथा कुलसचिव डाॅ0 नलिन भटनागर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र-छात्राएं और उनके परिजन उपस्थित थे।

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