उत्तराखंड

सुलगते जा रहे है जिले के जंगल,वन विभाग आग पर काबू पाने में नाकाम

उत्तरकाशी/डीबीएल संवाददाता | जिले के वनों मे आग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वनों में आग लगने से अब तक करोड़ों की वन संपदा खाक हो चुकी है। वनों में बढ़ती आग की घटनाओं से वन्य जीवों को अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। वन विभाग तमाम तैयारियों के बाद भी वनों को आग से बचाने में नाकाम साबित हो रहा है। जिससे विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में है।  सीजन के शुरू होने के बाद से जिले के वनों में आग लगने की घटनाएं शुरू हो गई थी। जो आज भी निरंतर जारी है। जिले के वनों में करोड़ों रूपये की वन संपदा जलकर नष्ट हो चुकी है तथा आग के कारण वन्य जीवों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है। जिले के गंगाघाटी और यमुनाघाटी के कई क्षेत्रों के जंगलों में आग लगी हुई है। जिससे वन संपदा के नष्ट होती जा रही है। वनों में आग लगने से धुंध के बढ़ने से विभिन्न बीमारियां भी जन्म लेने लगी हैं। पेयजल के स्रोत भी प्रभावित हो रहे तथा पर्यावरण भी दूषित होने लगा है। वनों में आग की घटनाओं के बाद भी वन विभाग आग के कारणों का पता नहीं कर पाया है। वर्तमान समय में डुंडा रेंज के धनारी क्षेत्र, बड़कोट यमुना प्रभाग तथा पुरोला के टौंस वन प्रभाग के वनों में आग विकराल रूप धारण करती जा रही है। जिस पर आसानी से काबू पाया जाना संभव नहीं है। आग बस्ती की ओर बढ़ने से क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीण भी चिंतित हैं। वनों को आग से बचाने के लिये वन विभाग के साथ की प्रशासन की ओर से भी तैयार की गई रणनीति काम नहीं आ रही है। आग कौन लगा रहा है और कब लग रही है, इसके बारे में वन विभाग के पास कोई संतोषजनक जबाव नहीं है।

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