उत्तराखंड

तीर्थ पुरोहित बोले, केदारनाथ प्राधिकरण भंग होने तक जारी रहेगा विरोध

धरना प्रदर्शन 29वें दिन भी रहा जारी :

रुद्रप्रयाग। राज्य सरकार की ओर से केदारनाथ क्षेत्र के अन्र्तगत होने वाले विकास कार्यों के लिए केदारनाथ विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिससे समय रहते विकास कार्य हो सकें और तीर्थ यात्रियों को केदारपुरी में सुविधाएं मिलें। लेकिन केदारनाथ विकास प्राधिकरण को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने प्राधिकरण का पुरजोर विरोध करते हुए इसे अपने हक-हकूको पर कुठाराघात बताया है। पुरोहितों ने ऐलान किया कि जब तक सरकार द्वारा प्राधिकरण को भंग नहीं किया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। प्राधिकरण के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन 29वें दिन भी जारी रहा। मंदिर परिसर से हेलीपैड तक तीर्थ पुरोहितों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया।

आपदा के बाद केदारपुरी को संवारने के लिए सरकार द्वारा प्राधिकरण का गठन किया गया, जिसको अस्तित्व में आने में काफी समय लगा। इस बीच कोई हलचल न होने से तीर्थ पुरोहित समाज भी शांत रहा, लेकिन अब प्राधिकरण को लेकर प्रशासन की तैयारियों से तीर्थ पुरोहितों का आक्रोश भी बढ़ गया है। तीर्थ पुरोहितों की माने तो किसी भी कीमत पर प्राधिकरण नहीं होने दिया जायेगा। चाहे फिर उन्हें सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई ही क्यों न लड़नी पड़े। उन्होंने प्राधिकरण को जबरन थोपे जाने वाला बताया। वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती, केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, केशव प्रसाद शुक्ला, दुर्गा प्रसाद बाजपेई ने कहा कि बडे़-बड़े शहरों को छोडकर एक छोटे से स्थान को प्राधिकरण के दायरे में लाना न्याय संगत नहीं है। वर्ष 2013 की आपदा के बाद से लेकर अभी तक तीर्थ पुरोहित उबर नहीं पाये है। ऐसे में केडीए का कठन कर पुरोहितों के पुस्तैनी हकूकों को समाप्त करने की षड़यंत्र रचा जा रहा है।

प्राधिकरण के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना-प्रदर्शन 29वें दिन भी जारी रहा। केदारनाथ मंदिर परिसर से हेलीपैड तक रैली निकालते हुए तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। तीर्थ पुरोहितों ने सेक्टर मजिस्ट्रेट का भी घेराव किया और कहा कि जल्द ही प्राधिकरण को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन का उग्र किया जायेगा। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि किसी भी कीमत पर केदारनाथ में प्राधिकरण का गठन नहीं होने दिया जायेगा। तीर्थ पुरोहित किशन बगवाड़ी ने भी सरकार को जमकत कोसते हुए कहा कि केदारपुरी में अभी तक तीर्थ पुरोहितों के भवन बनकर तैयार नहीं हुए हैं। सरकार का ध्यान प्राधिकरण गठन करने में लगा है, जबकि तीर्थ पुरोहितों के भवन बनने ज्यादा जरूरी है।

इस मौके पर राजीव कुर्माचली, अंकुर शुक्ला, अजय जुगरान, चिमन लाल शुक्ला, प्रेम बगवाड़ी, गणेश शुक्ला, पंडित अरुण शुक्ला, पंडित महेन्द्र पोस्ती, अशोक तिवारी, अनिल शुक्ला सहित कई मौजूद थे। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ विकास प्राधिकरण का गठन आपदा के बाद कर दिया गया था, लेकिन अस्तित्व में अब तक नहीं आया था और केडीए के लिए पदों की स्वीकृति नहीं की गयी थी। अब पद स्वीकृत हो गये हैं और जो भी निर्माण कार्य केदारनाथ धाम में होंगे, वे केडीए के अधीन किये जायेंगे। इसके विरोध का कोई सवाल ही नहीं है, सबका ध्यान रखा गया है।

Key Words : Uttarakhand, Rudraprayag, Kedarnath Authorization, Tirth Purohit, Opposition

 

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