उत्तराखण्ड सहित हिमालीय देशों के 70 छात्रों को सात करोड़ की छात्रवृत्तियां
देहरादून। महामहिम ग्यालवांग दु्रकपा द्वारा एक वर्षीय रेज़ीडेन्शियल एकेडमिक प्रोग्राम नरोपा फैलोशिप की शुरूआत की गई है। इसका पाठ्यक्रम विशाल हिमालय में लद्दाख के स्थायी सामाजिक एवं आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। फैलोज़ के पहले बैच ने इसी महीने हेमिस विलेज, लद्दाख परिसर में प्रोग्राम की शुरूआत की।
उत्तराखण्ड व देहरादून में निवास कर रहे नरोपा फैलोशिप समाज के युवाओं के लिए यह बेहतरीन मौका है जो नरोपा फैलोशिप की पहली क्लास के लिए चयन हुआ है इन युवाओं को छात्रवृत्यिं भी दी गई है। यह फैलोशिप युवाओं को क्षेत्र विशिष्ट चुनौतियों जैसे बेरोज़गारी, सांस्कृतिक समस्याओं आदि के समाधान में मदद करेगी। फैलोशिप का पाठ्यक्रम समग्र व्यक्तित्व विकास, संचार प्रशिक्षण एवं सांस्कृतिक अन्वेषण पर आधारित है। इसके तहत फैलोज़ एक ‘‘लाईव प्रोजेक्ट’’ तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से सामुदायिक समस्याओं को पहचान कर इन्हें हल करने का प्रयास किया जाएगा। उद्योग जगत के विशेषज्ञ, अकादमिकज्ञ, उद्यमी एवं सामुदायिक नेता छात्रों को इसके लिए सहायता प्रदान करेंगे।
पहले बैच में हिमालीय देशों जैसे नेपाल, भूटान और भारत के उत्तराखण्ड, दिल्ली, मुंबई, जम्मु-कश्मीर से 70 छात्र शामिल हैं। एक साथ मिलकर इन छात्रों को एक दूसरे के साथ काम करने का तथा सामाजिक विविधता को समझने का मौका मिलेगा। इन क्षेत्रों से चुने गए छात्रों को 7 करोड़ रु की छात्रवृत्तियां भी दी गई हैं।
प्रोग्राम की शुरूआत ओरिएन्टेशन एवं स्वागत समारोह के साथ हुई, जिसमें महामहिम दु्रकपा थुंकसे रिनोपचे (महामहिम ग्यालवांग दु्रकपा के आध्यात्मिक प्रतिनिधि) ने विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र में शिक्षा एवं संस्कृति तथा समाज में कौशल विकास के महत्व पर ज़ोर दिया। डॉ प्रमथ राज सिन्हा (सह-संस्थापक, नरोपा फैलोशिप) ने बताया कि कैसे स्थानीय धराहर के प्रति प्यार और सम्मान एक व्यक्ति के करियर में मददगार हो सकता है।