रिस्पना नदी में बाढ़ जैसे हालात में फंसे 200 लोग – कालसी के निकट जजरेड में बादल फटा
डीबीएल डेस्क/ देहरादून
शनिवार सुबह 10ः20 बजे देहरादून जनपद के आपदा कन्ट्रोलरूम को सूचना मिली कि अतिवृष्टि के चलते रिस्पना नदी में भंयकर बाढ़ आ गई है तथा लगभग 150 से 200 लोग बाढ़ के पानी में फंस गये हैं तथा रिस्पना नदी से सटी आबादी खतरे की जद में है। इसी बीच विकासखण्ड कालसी से कन्ट्रोलरूम को सूचना मिली कि कालसी-साहिया-चकराता रूट पर जजरेड में बादल फट गया है जिससे कुछ वाहन मलबे में फंस गये हैं तथा सड़क की कनेक्टिविटी टूट गई है। दरअसल जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशन में विभागों को बिना पूर्व सूचना दिये आपदा प्रबन्धन की माॅक-ड्रिल का आयोजन किया गया।
सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार, सेना के कर्नल एसशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र रावत, मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीर सिंह बुदियाल, सूचना मिलते ही जनपद आपदा कन्ट्रोलरूम पंहुचे। आपदा कन्ट्रोलरूम में अपर जिलाधिकारी विध्रा गिरिश चन्द्र गुणवंत तथा जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डाॅ दीपशिखा रावत पहले से ही तैनात थे।
जिलाधिकारी ने जनपद में आपदा कन्ट्रोलरूम की कमान संभालते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अपनी रेस्क्यू टीमें मय इक्विपमेंट डिपलाय के निर्देश देते हुए पूरे आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) को पूर्व में एसओपी में वितरित किये गये दायित्वों के अनुरूप रेस्क्यू अभियान में जुटने को निर्देशित किया तथा पल-पल की स्थिति का अपडेट लेते रहे। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अपने-अपने इक्यूपमेंट के साथ रिस्पना नदी से सटे चूना भट्टामें फंसे लोगों का रेस्क्यू अभियान चलाया गया। घायलों की फिल्ड में प्राथमिकता राहत शिविर में चिकित्सा की गयी तथा गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को उपचार हेतु एम्बुलेंस के माध्यम से चिकित्सालयों में भेजा गया। साथ ही रिस्पना नदी के बीच में फंसे व्यक्तियों को रस्सी के सहारे रेस्क्ूय किया गया तथा रिस्पना से सटी बाढ जोखिम आबादी के लगभग 200 लोगों को चूना भट्टा के रैन बसरे में शिफ्ट किया गया तथा लोगों को अगले 24 घंटे तक के लिए अलर्ट पर रहने को कहा गया।
वहीं कालसी-साहिया-चकराता सड़क मार्ग में स्थित जजरेड में भूस्खलन में फंसे 82 यात्रियों को सकुशल रेस्क्ूय किया गया, जिसमें 14 बच्चे भी थे। इसमें 2 व्यक्तियों को गंभीर चोटे आयी थी जबकि 4 लोग सामान्य रूप से घायल हुए थे। मौके पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क से मलवा हटवाया गया और सड़क को आवागमन के लिए तैयार किया गया। इसके अतिरिक्त आपदा के बड़े होने की स्थिति में सहस्त्रधारा हैलीपैड पर हैलीकाप्टर को भी तैयार रखा गया था तथा सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ से भी आपदा के बढ़ने की स्थिति में समन्वय किया गया ताकि मौके पर और अधिक बचाव और राहत दलों को तैनात किया जा सके।
माॅकड्रिल सम्पन्न होने के पश्चात जिलाधिकारी ने एनआईसी सभागार में उपस्थित विभागीय अधिकारियों तथा उप जिलाधिकारी कालसी और सदर से वीडियोकान्फे्रसिंग के माध्यम से सम्पर्क साधते हुए माॅकड्रिल की फीडबैक और इसमें सामने आये विभिन्न बिन्दुओं, कमजोरियों को साझा किया गया तथा सभी विभागों से फीडबैक और सुझाव लिये गए।