उत्तराखंड

दस रुपये का टमाटर बेच रहे 40 रुपये किलो

डीबीएल संवाददाता/ नौगांव | यमुना घाटी के काश्तकार इस बार खासे मायूस हैं। टमाटर की तो अच्छी पैदावार हो रही है लेकिन, अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं। देहरादून, विकासनगर, और मुजफ्फरनगर की मंडी में टमाटर की 25 किलो की क्रेट के दो सौ से लेकर दो सौ सत्तर रुपये तक ही दाम मिल रहे हैं। जिसमें देहरादून और मुजफ्फरनगर तक टमाटर की क्रेट पहुंचाने और काश्तकार के आने जाने का खर्चा भी नहीं निकल रहा है। जबकि बाजार में टमाटर 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। ऐसे में बिचौलिये चांदी काट रहे हैं। काश्तकारों ने टमाटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की भी मांग उठाई है।

सब्जियां तथा फलों के उत्पादन के मामले में उत्तरकाशी की यमुना घाटी काफी आगे है। अगर टमाटर की पैदावार देखी जाए तो नौगांव क्षेत्र में लगभग साढ़े तीन हजार मीट्रिक टन, पुरोला में तीन हजार मीट्रिक टन और मोरी में एक हजार मीट्रिकटन टमाटर की पैदावार होती है। इस बार टमाटर की फसल अच्छी है। लेकिन, टमाटर के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं।

दस रुपये प्रति किलो का दाम मिल रहा है, जिसमें देहरादून और मुजफ्फरनगर, तक पहुंचाने का किराया भी शामिल है। काश्तकार कहते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में काश्तकारों ने अपने खेतों में जमकर मेहनत की थी, जिससे टमाटर की फसल का उत्पादन भी सही हो रहा है। लेकिन, मंडियों में टमाटर के भाव बेहद ही कम हैं। देहरादून, विकासनगर पहुंचाने के बाद भी काश्तकार को केवल आठ से दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिल रहे हैं, जिससे काश्तकारों में मायूसी छायी हुई है। काश्तकार देवेंद्र रावत, धर्मा,दलवीर ,विपिन सबला ,राजकुमारी, मदन लाल, अजब सिंह आदि ने किसानों को बचाने के लिए सरकार से जल्द से जल्द टमाटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की माँग उठाई, जिससे काश्तकारों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button