टीबी उन्मूलन के लिए सरकारी प्रयास नाकाफी, जनभागीदारी जरूरी : राज्यपाल

डीबीएल संवाददाता /देहरादून।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ‘‘टीबी मुक्त भारत अभियान’’ के तत्वावधान में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। अपने संबोधम में राज्यपाल ने कहा कि टीबी उन्मूलन केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए जनभागीदारी और सामूहिक संकल्प आवश्यक है। उन्होंने टीबी उन्मूलन की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले और टीबी रोग से स्वस्थ हुए ‘टीबी चैंपियनों‘‘ को भी सम्मानित किया।
मंगलवार को राजभवन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ‘‘टीबी मुक्त भारत अभियान’’ कार्यक्रम में राज्यपाल ने टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी लोगों, स्वयं सेवी संस्थाओं और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इन सभी लोगों की मेहनत से हमारा प्रदेश अग्रणी राज्यों में है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से प्रदेश को 2025 में टीबी मुक्त बनाने में सफल होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि टीबी मुक्त अभियान को 1 अगस्त, 2025 से राज्य भर में अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत सभी नगर पंचायतों के वार्डों और नगर निगमों के सभी पार्षद वार्डों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे।
कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव राज्यपाल रीना जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, चेयरमैन रेडक्रॉस सोसायटी डॉ. नरेश चौधरी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इन्हें किया गया सम्मानित :
सम्मानित होने वाले निःक्षय मित्र में हिमालयन वेलनेस कम्पनी के डॉ. फारुख, हंस कल्चरल फाउंडेशन की पूनम किमोठी, देहरादून के मुकेश मोहन, पंकज गुप्ता, साईं इंस्टीट्यूट की डॉ. आरती, रेडक्रॉस सोसायटी की कल्पना बिष्ट, कनिष्क हॉस्पिटल की डॉ. रितु गुप्ता, आस संस्था की हेमलता बहन, स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के राजीव बिजल्वाण, देव भूमि स्वराज फाउंडेशन के इन्दर रमोला, महिला जिजीविषा मंच देहरादून की डॉली डबराल, लायंस क्लब के रजनीश गोयल और ममता थापा शामिल हैं।
ट्रीटमेंट सपोर्टर में कम्युनिटी वॉलिंटियर सुप्रिया, जोया, कनक एवं आशा कार्यकत्रियों में नीरज, नीरा कंडारी, मीना काला, गंगा भंडारी, सरोज, नीरू जैन, पूजा जोशी, शिखा अरोड़ा, निर्मला जोशी एवं सचि तिवारी को सम्मानित किया गया।