उत्तराखंड

दून में संचालित नशामुक्ति केंद्रों की होगी जांच

देहरादून। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण समिति की बैठक आहूत हुई। बैठक में जिलाधिकारी मुरूगेशन ने जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि जिले में संचालित हो रहे नशामुक्ति केन्द्रो की एलआईयू के माध्यम से जांच करवाई जाए। साथ ही क्लीनिक एक्ट के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन स्तर पर भी टास्क फोर्स समिति गठित की जाए।

गुरूवार को जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद में संचालित हो रहे नशामुक्ति केन्द्रो का एलआईयू के माध्यम से जांच जाए कि जनपद में संचालित सभी नशामुक्ति केन्द्र पंजीकृत हैं या नहीं। इन केंद्रों में किस तरह से आने वाले व्यक्तियों का उपचार किया जा रहा है इसके लिए संचालित हो रहे केन्द्रों में कोई विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत है या नही तथा केन्द्र में आने वाले व्यक्तियों को नशा से मुक्त करने के लिए किन दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। इन सभी पहलुओं की जांच की जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी केन्द्र में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी सामने आती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया है कि जनपद में अब तक कुल 132 चिकित्सालयों का पंजीकरण किया गया है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये है कि क्लीनिक इस्टेब्लिशमेंट अस्थाई पंजीकरण के लिए सिंगल विडों सिस्टम के माध्यम से कराया जाय, जिससे इसमें की जाने वाली कार्यवाही एक ही स्थान से हो ताकि क्लीनिक संचालकों को अन्य विभागों के चक्कर न लगाने पडें।

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये है कि पंजीकरण के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु समाचार पत्रों में भी विज्ञापन प्रकाशन करना सुनिश्चित करें, जिन लोगों को इस सम्बन्ध में जानकारी नही है, उन्हे जानकारी प्राप्त हो सके।

बैठक में सहायक नगर आयुक्त नगर निगम रविन्द्र कुमार दयाल, उप मुख्य चिकित्साधिकारी दयालशरण, सीओ सिटी चन्द्रमोहन सिंह, अध्यक्ष आईएमए डाॅ. गीता सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, DM, Detention Centers, Examined

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button