उत्तराखंड

घाट विकासखंड के कास्तकारों को जड़ीबूटी की खेती के लिए किया प्रोत्साहित

   घनश्याम मैंदोली

घाट/चमोली। उच्च शिखरीय पादप शोध कार्मिकी (हैप्रेक) हेनब गढ़वाल विवि के तत्वावधान में राइंका सितेल में जड़ी बूटी की खेती के प्रोत्साहन के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर विकासखंड घाट क्षेत्र के कास्तकारों को जड़ी बूटी के पौधे वितरित किए गए।

घाट विकासखंड के सितेल, जोखना, कनोल, पडेर, सुतोल आदि गांवों में हैप्रेक के तहत गढ़वाल विवि की ओर से कास्तकारों को जड़ी बूटी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के दौरान गढ़वाल विवि के डॉ. बीके पुरोहित ने बताया कि जैवविविधता के संरक्षण के लिए जड़ी बूटी की खेती बेहद अहम् है। उन्होंने चेताया कि यदि इस दिशा में समय रहते कार्य नहीं किया गया तो आने वाले समय में हिमालय क्षेत्र में उगने वाली जड़ी बूटियों की प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी। कार्यक्रम में डॉ. कुनियाल, डॉ. राकेश भट्ट, जयदेव एवं शुभम ने जड़ी बूटी की खेती व संरक्षण के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में कास्तकारों ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया। इस दौरान 5 हजार कुटकी के पौधे निःशुल्क वितरित किए गए। कार्यक्रम के समापन पर सितेल स्कूल परिसर में कुटकी और तेजपात के पौधे भी रोपे गए।

इस अवसर पर विकासखंड घाट के विभिन्न गांवों के कास्तकार पुष्कर सिंह, भगवान सिंह, ग्राम प्रधान सलोचना देवी, खिलाप सिंह आदि मौजूद थे।

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