डीबीएल संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ‘वोकल फाॅर लोकल’ के तहत स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जा सकता है। राज्य सरकार की ग्रामीण ग्रोथ सेंटर की संकल्पना को साकार करने में भी काॅमन सर्विस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को उन्हीं की ग्राम पंचायतों से विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों तथा अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा चलाये जा रहे आॅनलाईन शैक्षिक कार्यक्रमों हेतु भी काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जाये। सोमवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की।
पंचायतीराज विभाग द्वारा बैठक के दौरान डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम तथा ई-गवर्नेंस में हेल्प डेस्क प्रणाली तथा आईटीडीए के माध्यम से सीएसी-एसपीवी के द्वारा सभी 662 न्याय पंचायतों में काॅमन सर्विस सेंटर को प्रारम्भ किये जाने की योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। जानकारी दी गई कि हेल्प डेस्क प्रणाली के तहत केन्द्रीय मध्यस्थ सहायता सेवा प्रणाली विकसित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके अन्तर्गत एक केन्द्रीय नियंत्रण प्रणाली तैयार की जायेगी, जो विभागीय अधिकारियों एवं स्थानीय ग्रामीण निकायों को सहायता एवं सेवा प्रदान करेगी। हेल्प डेस्क प्रणाली के मुख्य कार्यों में त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रतिनिधियों एवं जनसामान्य हेतु हेल्प डेस्क सेवा तथा रेखीय विभागों के साथ समन्वय हेतु तंत्र का विकास सम्मिलित है। पंचायतों में काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाओं के तहत प्रमाण पत्र से सम्बन्धित विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
इस अवसर पर पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय, सचिव पंचायतीराज हरिचन्द्र सेमवाल, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी, एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।