खेलों के सामान पर जीएसटी दरों में समीक्षा की अपील

देहरादून। जीएसटी कॉंउंसिल द्वारा खेल के सामानों और व्यायाम के उपकरणों पर 12 फीसदी से 28 फीसदी तक जीएसटी दर लगाए जाने को ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट (टीएएसजीपीआईआई्) ने कौंसिल गलत करार दिया है। संगठन ने अपील करी है कि व्यायाम उपकरणों के लिए सीएसटी दर पर पुनर्विचार किया जाए। खेल और व्यायाम उपकरणों के देश भर के निर्माताओं और व्यापारियों की प्रमुख संस्थान टीएएसजीपीआईआई का कहना है कि खेल और सेहत की जागरूकता को बढ़ाये जाने के लिए खेल के सामान और व्यायाम के उपकरणों पर जीएसटी टैक्स की दर 12 फीसदी ही रखी जानी चाहिए।
टीएएसजीपीआईआई ने कहा है कि जीएसटी कॉंउंसिल की राय में व्यायाम और फिटनेस उपकरण लक्जरी आइटम हैं जबकि ऐसा है नहीं। जीएसटी की 28 प्रतिशत दर व्यायाम और फिटनेस के उपकरणों को आम आदमी की पहुंच से बाहर बना देंगे और इससे फिटनेस उद्योग को भी नुकसान होगा।
टीएएसजीपीआईआई के प्रेसिडेंट डॉ. दिनेश कपूर ने कहा कि हम जीएसटी कौंसिल की मीटिंग के दौरान भिन्न सामानों की दर निश्चित किए जाने का स्वागत करते हैं, लेकिन हम कॉंउंसिल से अपील करना चाहते हैं कि व्यायाम के उपकरण को खेल के सामान का भाग माना जाए और इन पर जीएसटी की दर 12 फीसदी ही रखी जाए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि फिटनेस उपकरणों पर जीएसटी की दर पर पुनर्विचार किया जाए।
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भूपेन्दर धवन ने कहा कि किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस में फिटनेस उपकरणों की भूमिका बेहद अहम् है। स्पोर्स्ट्स के सामान की कीमतें बढ़ाया जाना किसी भी लिहाज से सही नहीं है।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, GST, Sports Goods