चीन सीमा से सटे गांवों के लिए केंद्र ने मांगी कार्ययोजना
देहरादून । राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के चार विकासखंडों के गांवों के विकास को लेकर केंद्र सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। इस कड़ी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद ने शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में इन गांवों से पलायन की स्थिति के साथ ही वहां मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही सीमांत गांवों के विकास के लिए उत्तराखंड सरकार को जल्द से जल्द कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे देश के गांवों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी क्रम में चीन सीमा से सटे हिमाचल, लद्दाख, सिक्किम, अरुणांचल प्रदेश के बाद उत्तराखंड के सीमांत गांवों को लेकर परिषद अलर्ट मोड में है। हाल में ही परिषद की एक टीम ने उत्तराखंड का दौरा किया था। टीम ने चीन सीमा से सटे चार विकासखंडों धारचूला व मुनस्यारी (पिथौरागढ़), जोशीमठ (चमोली) और भटवाड़ी (उत्तरकाशी) से पलायन समेत अन्य बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।
इस सिलसिले में शुक्रवार को दिल्ली में हुई परिषद की बैठक में उत्तराखंड से ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने प्रस्तुतीकरण दिया। सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान इन चार विकासखंडों के गांवों के साथ ही राज्य के अन्य विकासखंडों के गांवों से हो रहे पलायन की तस्वीर रखी गई। पलायन के कारणों की तरफ भी परिषद के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया गया। अधिकारियों ने कई बिंदुओं पर अलग-अलग जानकारी भी ली।