बड़कोट में रावण वध के बाद राम के जयकारों से गूंजा पंडाल

बड़कोट। नगर पालिका परिषद् बड़कोट में चल रही रामलीला के अंतिम दिन मेघनाथ, अहिरावण एवं रावण वध की लीला का मंचन किया गया। लक्ष्मण द्वारा मेघनाद के वध के बाद रावण का पुत्र अहिरावण, विभीषण का भेष बनाकर राम-लक्ष्मण को उठाकर पाताल लोक ले जाता है। हनुमान वहां पहुंचकर अहिरावण का वध कर देते है। अंत में रावण युद्ध के मैदान में आता है और राम के हाथों उसका वध होता है।
शुक्रवार को रावण के वध के समय सुबह चार बजे मैदान में रावण का पुतला दहन किया गया। भगवान राम अग्निबाण से उसकी राम की नाभि में प्रहार करते हैं। रावण वध के बाद पूरा पंडाल जयश्री राम के नारों से गूंज उठा। अंत में विभीषण को लंका की राजगद्दी सौंपी गई। राम की अयोध्या वापसी एवं राज तिलक का मंचन किया गया। रामलीला के समापन उपरांत सभी पात्रों को सम्मानित किया गया।
श्री रामलीला कमेटी बड़कोट के तत्वावधान में हर साल जून के महीने में रामलीला का आयोजन किया जाता है। इस दौरान स्कूली बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां होती हैं जिसके चलते बच्चे भी रामलीला मंचन को देख पाते हैं और अपनी संस्कृति से रूबरू होते हैं।