उत्तराखंड

अपराधियों की धरपकड़ : क्यों नाकाम साबित हो रही दून पुलिस !

डीबीेएल संवाददाता/देहरादून। राजधानी देहरादून के वसंत विहार में शराब ठेके के मैनेजर से पांच लाख की लूट और पिछले दिनों नेहरू कॉलोनी में सर्राफा कारोबारी से हुई दस लाख रुपये के आभूषणों की लूट के आरोपितों को पकड़ने में दून पुलिस नाकाम रही है। हालात यह है कि हाल के दिनों में घटित अपराधों के खुलासे तक में मित्र पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगे हैं। इतना ही इन दिनों शहर में चोरों का आंतक है।

राजधानी देहरादून में दिन बंद घरों के ताले टूट रहे हैं, इन वारदातों को अंजाम देने वाले गैंग की पहचान तक पुलिस अब तक नहीं कर पाई है। गौरतलब है कि पिछले दिनो शहर में चोरी, लूट की कईं वारदातें हुई जिसमें पुलिस ने काफी दिनों तक भागदौड़ भी की और फिर शांत होकर बैठ गई। शहर में बढ़ती चोरी की वारदातों के विरूद्ध प्रेमनगर के लोगों ने तो बकायदा थाने में प्रदर्शन तक किया था। सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस के सामने ऐसी कौन सी समस्या है  कि वो अपराधियों को पकड़ पाने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं पुलिस चोर-बदमाशों को पकड़ने के बजाय सड़कों पर वाहन चालकों को पकड़कर उनके चालान काटते नजर आती है।

अपराधियों को पकड़ने के लिए विदेशों की तर्ज पर गठित की गई सीपीयू की कार्यशैली भी गंभीर सवालों में बनी हुई है। सीपीयू ने कितने अपराधी पकड़े। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सीपीयू का गठन सिर्फ चालान काटने के लिए ही नहीं हुआ था बल्कि बदमाशों को पकड़ने के लिए भी हुआ था, लेकिन अपने गठन से लेकर आज तक सीपीयू ने कितने बदमाश पकड़े यह भी बड़ा सवाल है।

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