उत्तराखंड

पर्यावरण हितैषी परंपराओं को रखना होगा कायम : सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को जीजीआईसी राजपुर रोड में धाद संस्था द्वारा हरेला पर्व के उपलक्ष्य में छात्राओं द्वारा पर्यावरण एवं संस्कृति पर रैली का शुभारंभ किया। धाद संस्था को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हरेला पर्व पर्यावरण एवं संस्कृति का पर्व है। भारत में प्रकृति पूजा की परम्परा रही हैं। यहां वृक्षों, सांपो, जन्तुओ तथा प्रकृति के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। हमारी परम्पराएं वैज्ञानिक आधार रखती है। सभी प्राणी ईको सिस्टम का हिस्सा है अतः हमारी प्रकृति पूजा की परम्परा पर्यावरण संरक्षण तथा प्रकृति प्रेम का संदेश देती है। हमें अपनी पर्यावरण हितैषी परम्पराओं को बनाये रखना होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे राज्य में लगभग 12 हजार वन पंचायते हैं। इन वन पंयायतों में राज्य की महिलाओं की सक्रिय सहभागिता है। राज्य में महिलाएं महिला मंगल दलों, अन्य स्वयं सहायता समूहों तथा स्वयं के प्रयासों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भागीदारी कर रही हैं । पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। हरेला के अर्न्तगत राज्य भर में एक महीने तक पौधरोपण किया जाएगा। राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने विद्यालय के परिसर में पौधे भी रोपे।

मुख्यमंत्री ने छात्राओं से पूछे सवाल :
मुख्यमंत्री ने छात्राओं से अनौपचारिक बातचीत के दौरान हाल ही के समाचार पत्रों में छपी घटनाओं के बारे में प्रश्न पूछे। उन्होंने छा़त्राओं से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि आज नए राष्ट्रपति का निर्वाचन है। छात्रों ने उत्साहित होकर मुख्यमंत्री के सभी प्रश्नों के उत्तर दिए।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, CM, Harela, GGIC

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