सूबे के आर्थिक विकास को पुष्प उत्पादन अहम् : डॉ. पॉल
देहरादून। राजभवन में आयोजित दो दिवसीय वसन्तोत्सव समापन के अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल डॉ.कृष्ण कांत पाल ने कहा कि उत्तराखण्ड पुष्पभूमि के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल होगा क्योंकि यहाँ का पूरा वातावरण सभी प्रकार के फूलों की खेती के अनुकूल है। व्यावसायिक पुष्पोत्पादन के माध्यम से राज्य के आर्थिक विकास को बल मिलेगा और दूर-दराज के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उन्हांने कहा कि कुदरत के बेमिसाल रगों और खुशबू से सराबोर प्राकृतिक वैभव के इस उत्सव ने दो दिनों में प्रत्येक आगन्तुक के हृदय में एक नई उमंग, जोश और ताजगी का संचार निश्चित ही किया होगा। राज्यपाल ने कहा अब यह आयोजन केवल पुष्प प्रदर्शनी नहीं रही बल्कि पुष्प व्यवसाय से जुडे काश्तकारों, प्रकृति प्रेमियों, संगीत-नृत्य, लोक-कला, चित्रकला सहित अन्य हुनर से संपन्न तथा परम्पराओं से जुड़े लोगों के लिए यह एक विशेष अवसर बन गया है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन औद्यानिकी से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों, विचारों तथा तकनीक के आदान-प्रदान के साथ ही लोगों को आपस में मेलजोल बढ़ाने का भी अवसर है जिससे समाज में अच्छे वातावरण की उम्मीदें बनी रहती हैं।
पुष्प प्रतियोगिताओं, रंगोली तथा बच्चों की चित्र प्रतियोगिता, फोटो प्रतियोगिता आदि श्रेणियों के कुल 138 विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त सभी जिलों से चयनित तीन-तीन पुष्पोत्पादकों को प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। टिकट प्रदर्शनी में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले छात्रों को नकद धनराशि देकर सम्मानित किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह में उद्यान विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों सहित राजभवन के अधिकारी तथा अनेक गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि तथा भारी संख्या प्रदर्शनी में आये दर्शक भी उपस्थित थे। पुरस्कार वितरण के पश्चात् राजभवन के प्रांगण में संस्कृति विभाग के सौजन्य से अनेक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।