रुद्रपुर में हरीश रावत ने दिखाये तल्ख तेवर : बोले – कार्यकाल का हिसाब देने को हूॅ तैयार
रुद्रपुर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि अगर त्रिवेंद्र सरकार में हिम्मत है तो वह आएं और मैं हर चौराहे पर अपने कार्यकाल का हिसाब देने को तैयार हूं। पूर्व मुख्यमंत्री के ये तल्ख तेवर यूं ही नहीं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व की हरीश रावत सरकार पर आरोप लगाया था कि हरीश रावत सरकार ने जाने से पहले उत्तराखंड का खजाना खाली कर दिया था।
गुरूवार को रुद्रपुर में पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई तो राज्य पर 39 हजार करोड़ का कर्ज था और सरकार सत्ता से गई तो 41 हजार करोड़ का कर्ज था। यह कर्ज भी आरबीआई की गाइड लाइन से बहुत कम है। अगर हमने खजाने में पैसे नहीं छोड़े तो त्रिवेंद्र सरकार ने कर्मचारियों का वेतन कहां से दिया। खजाना खाली होता तो ट्रैजरी से चेक बाउंस हो जाते। जबकि सरकार ने नई वसूली जून में शुरू की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिवेंद्र सरकार वित्तीय प्रबंधन और राजस्व निम्न स्तर पर पहुंच गया है। हरीश ने कहा कि वर्ष 2016-17 में मेरे ही वित्तीय प्रबंधन का नतीजा था कि राज्य में साढ़े 19 फीसदी राजस्व की बढ़ोत्तरी हुई। जो देश में दूसरी सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी थी।
उन्होंने कहा कि मैं भाजपा सरकार को चुनौती दे रहा हूं। मैं चौराहों पर खड़ा होने को तैयार हूं। आज भी वहीं अधिकारी काम कर रहे है जो मेरी सरकार में काम कर रहे थे। भाजपा के लोग दस्तावेज के साथ अधिकारियों को लेकर आए और मैं एक-एक पाई का हिसाब देने को तैयार हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत सरकार पर हमला करते हुए यह भी कहा कि तराई में सत्तारूढ़ दल के लोगों ने जमीनों पर अवैध कब्जे कर रखे है और इसकी एक लंबी लिस्ट है। जब लोगों ने इसका विरोध किया और आवाज उठाई तो उन पर आपराधिक धाराएं लगा दी गई। कानून में हर किसी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। जब लोगों ने अपना पक्ष रखने की कोशिश की तो लोगों पर आपराधिक धाराएं लगा कर उनका मुंह बंद करने की कोशिश की गई।
Key Words : Uttarakhand, Rudrapur, Ex CM, Harish Rawat, Attack on Government