इगास पर्व : 11 दिन बाद मिली थी श्रीराम के अयोध्या वापसी की खबर

बिन्दू राणा / देहरादून।
इगास उत्तराखंड में मनाया जाने वाला एक पारंपरिक त्योहार जो दीपोत्सव के ठीक ग्यारह दिन बाद मनाया जाता है। परंपरागत तौर पर इगास को जाने के कारणों पर जाएं तो भगवान श्रीराम के अयोध्या वापस आने की खबर सूदूर पहाड़ के निवासियों को ग्यारह दिन बाद मिली, और उन्होंने उस दिन को ही दीपोत्सव के रूप में मनाया। इस दिन को दीपावली के रूप में दीए जलाकर, गौ पूजन के अलावा ईष्ट और कुलदेवी कुलदेवता की पूजा की जाती है।
इगास पर्व को के बारे में यह भी मान्यता है कि गढवाल नरेश महिपति शाह के सेनापति वीर माधोसिंह गढवाल तिब्बत युद्ध में गढवाल की सेना का नेतृत्व कर रहे थे, गढवाल सेना युद्ध जीत चुकी थी लेकिन माधोसिंह सेना की एक छोटी टुकडी के साथ मुख्य सेना से अलग होकर भटक गए। सबने उन्हें वीरगति को प्राप्त मान लिया लेकिन वो जब सकुशल वापस आए तो सबने उनका स्वागत बडे जोर शोर से किया। ये दिन दीपोत्सव के ग्यारह दिन बाद का दिन था, इसलिए इस दिन को भी दीपोत्सव जैसा मनाया गया। उस युद्ध में माधोसिंह गढवाल तिब्बत की सीमा तय कर चुके थे जो वर्तमान में भारत- तिब्बत सीमा है।
उत्तराखण्ड राज्य सरकार की ओर से इगास पर्व के मौके पर सरकारी अवकाश की घोषणा को सूबे के लोगों ने स्वागत योग्य पहल बताया है।