बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति एवं रोकथाम – 23 फरवरी को दून में होगी सेमिनार
डीबीएल संवाददाता/ देहरादून।
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की पहल से बच्चों में नशे की बढती प्रवृत्ति, रोकथाम एवं पुर्नवास को लेकर राज्य स्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन देहरादून में किया गया। इस दौरान आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस दिशा में कार्य कर रहे सरकारी और गैरसरकारी संगठनों से आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने और बच्चों में नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए गहनता से चिन्तन करने पर जोर दिया। नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाए जाने को लेकर आयोग 23 फरवरी को एक सेमिनार का आयोजन भी करेगा।
आयोग अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति एवं रोकथाम के लिए सभी के समन्वय से गाइडलाईन तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव, शहर, बस्तियों में आगंनबाड़ी एवं शक्तिकेन्द्रों के माध्यम से जनजागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विद्यालयों, बोर्डिंग स्कूलों के संचालकों पर शिकंजा कसते हुए ऐसे स्कूलों का औचक निरीक्षण पुलिस के सहयोग से करें। बच्चों को सही दिशा देना आवश्यक है इसके लिए अभिभावकों को आगे आना होगा।
बैठक में ड्रग्स कन्ट्रोलर ने बताया कि सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी लगाये गए हैं। प्रतिबन्धित दवाइयों के निर्माण एवं बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मानसिक चिकित्सालय सेलाकुई एवं वीरचन्द्र सिंह गढवाली आयुर्वेद चिकित्सालय श्रीनगर में नशामुक्ति केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव भेजे गए है। अध्यक्ष ने प्रस्ताव की प्रति आयोग को उपलब्ध कराने के साथ ही देहरादून के कोरोनेशन एवं गांधी शताब्दी अस्पताल में कांउसिलिंग सेन्टर बनाए जाने के प्रस्ताव भी तैयार करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग की चर्चा के दौरान बताया गया कि दून अस्पताल में 5 लाख की लागत से नशामुक्ति केन्द्र एवं रिहेब सेन्टर का कार्य प्रगति पर है। हवालबाग अल्मोड़ा में केन्द्र संचालित किया जा रहा है। पुलिस विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किए जाने पर बल दिया।
बैठक में डाॅ रोशनी सती, आबकारी विभाग के संयुक्त निदेशक जे.एस गब्र्याल, पुलिस क्षेत्राधिकारी पल्लवी त्यागी, सुरेश उनियाल, सहायक निदेशक बाल विकास डाॅ एसके सिंह, जिला पंचायतीराज अधिकारी जितेन्द्र कुमार, सरोजपाल समेत विभिन्न विभागों के अफसर उपस्थित थे। बैठक का संचालन सचिव, बाल अधिकार सरंक्षण आयोग झरना कमठान ने किया।