जल जीवन मिशन प्रशिक्षण – पेयजल उपलब्धता के लिए व्यवहार में बदलाव जरूरी: एमएम डोभाल
डीबीएल संवाददाता / देहरादून
उत्तराखंड में जल जीवन मिशन परियोजना के सफल परिणाम हासिल करने की दिशा में सूबे की सरकार और कार्यदायी विभाग की ओर से हर संभव प्रयास जारी हैं। परियोजना के क्रियान्वयन चरण में विभाग की सहयोगी स्वयं सेवी संस्थाओं के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण का गुरूवार को समापन हो गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन मुख्य प्रशिक्षक डा. एम0एम0 डोभाल ने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता और उपलब्धता को लेकर ग्रामीणों के व्यवहार परिवर्तन के लिए अनुभवों की साझेदारी एक अहम् टूल है। प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों में प्रतिभागियों को जल जीवन मिशन के लक्ष्यों की महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों में केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन परियोजना की लक्ष्य प्राप्ति को लेकर परियोजना के दिशानिर्देशों के अनुसार पूरे जोरशोर के साथ कार्य किया जा रहा है। मुख्य प्रशिक्षक एम0एम0 डोभाल ने जल जीवन मिशन परियोजना के तहत गुणवत्ता परख पेयजल उपलब्धता विषय पर संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ अपनी बात रखते हुए कहा कि भविष्य की पीढ़ी को पेयजल की निरंतरता को कायम रखने के लिए लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मील का पत्थर सबित होगा। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल और पानी के संचय व संवर्द्धन के लिए समुदाय के साथ लगातार वार्तालाप और सकारात्मक अनुभवों को साझा करना होगा।
प्रशिक्षण के अन्य सत्रों में प्रशिक्षक डा. रामपाल बिष्ट, डा. बडोनी ने जल संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु तकनीकी कार्य और सोशल आॅडिट, मूल्यांकन आदि विषयों पर प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से जानकारी दी।
प्रशिक्षण के समापन पर जेजेएम परियोजना के स्टेट नोडल आॅफिसर जफर खान ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किये। प्रशिक्षण का आयोजन देव ऋषि एजुकेशनल सोसाइटी पेनल केआरसी जल जीवन मिशन के तत्वावधान में आयोजित किया गया।