कथक नृत्यांगना शोवना नारायण ने नृत्य ने मोहा मन
देहरादून। स्पिक मेके के तत्वावधान में केन्द्रीय विद्यालय ओएलएफ रायपुर व राजभवन में कथक नृत्य प्रस्तुति का आयोजन किया गया। कथक नृत्यांगना पद्मश्री शोवना नारायण ने सभागार में मनमोहक नृत्य से मन मोह लिया।
रविवार को केवी ओएलएफ में छात्रों को संबोधित करते हुए शोवना नारायण ने कहा कि, कथक 2500 साल पुराना नृत्य है, साथ ही कथक से उन्हें नयी ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि, यह उनके लिए खुशी की बात है कि, उन्हें छात्रों का मार्गदर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ है। शोवना ने कथक नृत्य की कई शैलियों को बड़े ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने बच्चों से प्रश्न भी पूछे व नृत्य की भाव भंगिमाओं के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। शोवना नारायण ने संगीत एवं नृत्य में तालमेल दिखाते हुए घुंघरूओं की ध्वनि को नृत्य को नियंत्रित कर अद्भूत प्रस्तुति दी। शोवना नारायण एक मान्यता प्राप्त भारतीय कथक कलाकार व नृत्यांगना है। उन्होंने अभिव्यक्ति व आयामों के गहरे व व्यापक कैनवास के साथ इसे समृद्ध करके कला प्रदर्शन की नयी शैली बनायी है। वह कथक केंद्र दिल्ली में पौराणिक कथक वादक पंडित बिरजू महाराज और कुंदनलाल गंगानी द्वारा प्रशिक्षित हैं। मूनलाइट इंप्रेशनिज्म व द डॉन आफ्टरच् उनके प्रसिद्ध नृत्य रूपों व कोरियोग्राफिक कार्यों में से एक है। उन्होंने नृत्य के विषय में लगभग दस पुस्तकें लिखी है।
शोवना को 1992 में पद्मश्री व 1999 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा राजीव गांधी पुरस्कार, इन्दिरा प्रियदर्शनी सम्मान आदि से नवाजा जा चुका है। शोवना ऋषिकेश में एम्स व एसबीएम पब्लिक स्कूल, हरिद्वार के दिल्ली पब्लिक स्कूल व रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज में भी नृत्य की प्रस्तुति दे चुकी हैं।
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