जिग्तेन प्रेरणादायक व्यक्तित्व : राज्यपाल
देहरादून। राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल कुल्हान सहस्त्रधारा रोड स्थिति इंस्टीट्यूट आफ ड्राकांग कांग्यू कॉउसिल में तिब्बति बौद्ध कांग्यू वंश के संस्थापक भगवान जिग्तेन सुमगॉन के परिनिर्वाण दिवस की 800वी वर्षगांठ पर आयोजित स्मृति कार्यक्रम में शामिल हुए। देहरादून।
राज्यपाल ने बौद्ध भगवान सुमोगॉन को 800 वर्षो तक अपने अनुयायियों के हृदय में सम्मानित स्थान बनाये रखने को एक महान व्यक्तिव्त की पहचान बताया। राज्यपाल ने कहा कि यह किसी कि द्वारा किये गये महान कार्यो की ही परिणिति है, जो इतने लम्बे समय तक लोग किसी को इतने सम्मान भाव से याद कर रहे हैं। उन्होंने भगवान सुमगॉन की स्मृति को चिर स्थायी बनाये रखने वाले उनके मतावलम्बियों की भी प्रशंसा की।
राज्यपाल ने कहा कि तिब्बत के बहार कांग्यू इंस्टीट्यूट समाज के कल्याण कार्यो में अपनी भूमिका निभा रहा है। 1985 से देहरादून में स्थापित यह इस्टीट्यूट निरन्तर आगे बढ़ रहा हैं और प्रगति की ओर अग्रसर है। दुनिया भर के ड्राकांग कांग्यू समाज द्वारा यह दिवस समारोह पूर्वक मनाया जा रहा है।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि किस प्रकार डा्रकुंग कांग्यू चेत्सांग रिनपोछे के द्वारा पर्यावरण संरक्षण, विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र को पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित बनायें रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। ग्लेशियरों को पिघलने से बचाने तथा पिघले हुए ग्लेशियरों के जल को आम जन के लिए आपूर्ति कराने का महत्वूपर्ण कार्य भी किया जा रहा है। इस प्रकार के जन कल्याण के कार्यो की प्रेरणा निश्चित रूप से भगवान जिग्तेन के वचनों तथा क्रियाकलापों से ही प्राप्त हो सकती है।
इस अवसर पर केन्द्रीय तिब्बति प्रशासन के अध्यक्ष डॉ. लोबसंग सांगे 37वे,ं डा्रक्कांग कायोबोगोन चेत्सांग रेनपोचे 17वें, ग्यालवंग कर्मपद ओगिएन टेबेले डोर्चे सहित प्रख्यात बौद्ध अतिथि मौजूद रहे।
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