मैक्स अस्पताल दून में ‘एडवांस हार्ट फेलियर क्लिनिक’ लॉन्च किया
देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल देहरादून ने एडवांस हार्ट फेलियर क्लिनिक लॉच किया। यह क्लिनिक कन्जेस्टिव हार्ट फेलियर के बढ़ते मामलों का आधुनिक इलाज उपलब्ध कराएगा। दिल की सभी क्रोनिक बीमारियों के लिए आधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण के साथ मैक्स हेल्थकेयर ने यह अनूठी पहल की है।
शनिवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ. प्रीति शर्मा प्रिंसिपल कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ कार्डियोलोजी ने हार्ट फेलियर के बारे में बताते हुए कहा कि एडवांस हार्ट फेलियर ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज़ का दिल इतना कमज़ोर हो जाता है कि यह खून को ठीक से पम्प नहीं कर पाता, जिससे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। एक स्थिति ऐसी आती है जब यह न तो डोनर के लिए और न ही आर्टीफिशियल दिल के लिए इंतज़ार कर सकता है। अंतिम अवस्था के हार्ट फेलियर के मामले में हार्ट ट्रांसप्लान्ट ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।
डॉ. केवल कृष्ण, डायरेक्टर हार्ट ट्रांसप्लान्ट एवं वेंट्रीकुलर असिस्ट डिवाइसेज़, प्रिंसिपल कन्सलटेन्ट- सीटीवीएस ने कहा, अंतिम अवस्था के हार्ट फेलियर में मरीज़ का दिल इतना कमज़ोर हो जाता है कि यह खून को ठीक से पम्प नहीं कर पाता, ऐसे मामलों में टोटल हार्ट ट्रांसप्लान्ट के द्वारा ही मरीज़ को बचाया जा सकता है। इसमें मरीज़ के दिल को आर्टीफिशियल हार्ट से बदल दिया जाता है और हार्ट के एक चैम्बर में एलवीएडी रखा जाता है, ताकि दिल ऑक्सीजन से युक्त खून को शरीर में पम्प कर सके।
डॉ केके तलवार, चेयरमैन कार्डियोलोजी, मैक्स हेल्थकेयर ने बताया कि भारत में हर साल 10 लाख लोग अंतिम अवस्था के ऑर्गन फेलियर का शिकार होते हैं, इनमें से सिर्फ 3500 मरीज़ों में ही ऑर्गनट्रांसप्लान्ट संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि आजकल ज़्यादातर युवा बहुत ज़्यदा तनाव के साथ काम करते हैं, इनमें से ज़्यादातर लोगों के खाने पीने की आदतें अच्छी नहीं होतीं, वे नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। इसके अलावा शराब और धूम्रपान स्थिति को और भी बदतर बना देते हैं। इस तरह की जीवनशैली के परिणाम उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह और कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ के रूप में सामने आते हैं, जो दिल की बीमारियों के मुख्य कारण हैं।