उत्तराखण्ड के लिए विशेष नियमावली और फ्रेमवर्क की आवश्यकता : अनूप नौटियाल
देहरादून। कट्स इंटरनेशनल यूएस एम्बेसी के सहयोगी पार्टर, फिक्की और एफआईएसएमई के सहयोग से “उत्तर भारतीय राज्यों की प्रतिस्पर्धात्मकता” कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें उत्तर भारतीय राज्यों को समावेशी विकास प्राप्त करने पर चर्चा हुई। यह आयोजन चंण्डीगढ़ में हुआ जिसमें पंजाब के माननीय राज्यपाल वीपी सिंह बदन्नोर ने हिस्सा लिया और उन्हांने कहा कि हमारा नजरिया ही तय करता है कि व्यापार करने में हमें कितनी सफलता या विफलता मिलेगी।
मंच से स्वागत भाषण क्ट्स इंटरनेशनल के महासचिव प्रदीप एस मेहता द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य प्रतिस्पर्धा के माध्यम से ईओडीबी को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया जाए। उन्होंने राज्य की आवश्यकताओ पर प्रकाश डालते हुए सरकार की नीतियों में विफलताओं और भविष्य की रूपरेखा पर भी प्रकाश डाला। जो कि विशेष रूप से एमएसएमई के व्यापार के लिए आसान होगा। उन्होंने राज्य प्रतिस्पर्धा पर क्ट्स के दो साल के पहल के निष्कर्ष भी साझा किए, और सरकारों द्वारा लागू सुधारों के तीसरे पक्ष के आंकलन के महत्व पर बल दिया, नियमों का लागत लाभ विश्लेषण करना, ताकि नियामक बोझ को कम किया जा सके, भारत में नियामक ढांचा का पुनः आंकलन, राज्य में सुधार के उद्देश्य के लिए राज्य की विशिष्ट निर्यात नीतियां तैयार करना, प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ायेगा और अंत में उन्होंने कहा कि एमएसएमई नियामक बोझ को अनुपालन करना और नीतिगत सिफारिशों तक पहुंचना एक चुनौती होगी। सेबस्टियन सएज, लीड इकोनोमिस्ट, वर्ल्ड बैंक ने व्यापार एवं प्रतिस्पर्धा पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को अपने नियमों की गुणवत्ता और नियमों की पारदर्शिता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में उत्तर भारतीय कार्यालय के निदेशक एरियल पोलक अमेरिकी दूतावास, डैनियल मिशेल अध्यक्ष, सेंटर फॉर फ्रीडम प्रोस्पेरीटी ने कुछ अच्छे अमेरिकी सिद्वांतों पर चर्चा की जो ईओडीबी की प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रचार-प्रसार करता है। जो कम कर और आसान नियमावली को लक्षित करते हुए छोटे व्यापार के साथ-साथ बड़े व्यापार को भी आकर्षित करता है। राज्य की एक मुख्य भूमिका नियमावली को आसान करते हुए समाजिक और आर्थिक चुनौतियां का आंकलन करने साथ-साथ राष्ट्र हित का भी ध्यान रखना चाहिए। गोपाल कृष्ण अग्रवाल “राष्ट्रीय प्रवक्ता बीजेपी आर्थिक संबंध” ने कहा कि केंद्रीय सरकार व्यापार को आसान करना ही नहीं बल्कि व्यापार में पारदर्शिता को लेकर कटीबद्ध है। भारत और अमेरिका के बीच क्रॉस लर्निंग के महत्व को स्वीकार करते हुए आईएफएस से सेवानिवृत्त परमजीत सिंह सहाय ने भारत-अमेरिकी के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध को आपसी आर्थिक सहयोग का एक आधार माना है। उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए गति फाउडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष प्रकार की नियमावली और फ्रेमवर्क की आवश्यकता है। उन्हांने कार्यक्रम में उत्तराखण्ड की ओर से राज्य की वास्तु स्थित को सबके सामने रखा और इसके बारे में अवगत कराया।
उत्तराखण्ड की ओर से इस कार्यक्रम में गति फाउडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल, सचिव पीआरएसआई देहरादून चौप्टर के अनिल सती एवं यूआईडब्लूए की ओर से महेश शर्मा, पंकज गुप्ता तथा सत्यप्रकाश मौजूद रहे।