महाशिवरात्रि : 13 व 14 फरवरी को किया जा सकता है शिवरात्रि का पूजन – डा. प्रतीक मिश्र
देहरादून। शिवरात्रि का पूजन 13 व 14 फरवरी की रात्रि में दो बार किया जा सकता है। शिवरात्रि का योग दोनों रात्रियों में बना रहेगा। भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य डा. प्रतीक मिश्र पुरी के अनुसार इस बार 13 फरवरी की रात 10.35 बजे से चतुर्दशी प्रांरम्भ हो रही है, यह तिथि पूरी रात रहेगी। अगले दिन 14 फरवरी को मध्य रात्रि में 12.45 तक चतुर्दशी तिथि बनी रहेगी। इसके बावजूद जो लोग महानिषीथ काल में पूजा करते हैं वे 13 की रात्रि में ही कर पाएंगे।
उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल एवं जम्मू-कश्मीर में महानिषीथ काल 13 की रात्रि में 12.15 बजे से रात्रि 1.6 बजे तक बना रहेगा। यह काल शिव पूजा का श्रेष्ठ काल है। इस समय की गई पूजा उत्तम कही गई है। 14 फरवरी की रात शिवरात्रि तो अवश्य रहेगी, किंतु महानिषीथ काल उपलब्ध नहीं होगा।
डा. मिश्रपुरी ने कहा कि पंचागों में अशुद्धता तथा सोशल मीडिया पर अनेक गलत जानकारियों के कारण सामान्य जन शिव पूजा को लेकर भ्रमित हो गए हैं। वास्तव में यह पर्व दोनों ही दिन जल चढ़ाने का पर्व है। कांवड़ का जल दोनों ही दिन चढ़ाया जा सकता है। शिवरात्रि का व्रत दोनों दिन रखा जा सकता है। डा. मिश्रपुरी का कहना है कि इस बार शिवरात्रि मंगलवार को मकर के चंद्रमा और सूर्य के नक्षत्र में पड़ रही है। यह शिवराकत्रि सभी धरतीवासियों के लिए बहुत शुभ साबित होगी।