उत्तराखंड

‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ पर एफआरआई परिसर में दी श्रद्धांजलि

देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान परिसर देहरादून में स्थित ’’वन शहीद स्मारक’’ के प्रांगण में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह दिवस वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा हेतु अपने जीवन का बलिदान करने वाले वन रक्षकों की याद में मनाया गया।

सोमवार को इस अवसर पर भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद महानिदेशक डाॅ. एससी गैरोला, भावसे, ने अपने संबोधन में कहा कि 1736 में विंशनोई जनजाति समुदाय के 360 से ज्यादा लोग राजस्थान के खिजरोली में मारे गए थे, जब उन्होंने खेजडी के वृक्षों को जोधपुर के राजा द्वारा कटवाने का विरोध किया था।

उन्होंने बताया कि देश में अभी तक करीब 1400 वनकर्मी देश की वन संपदा और वन्यजीवन की सुरक्षा हेतु अभी तक शहीद हो चुके हैं, जो विश्व के अन्य देशों तथा एशिया के देशों की तुलना में बहुत अधिक है।
कार्यक्रम के दौरान निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, डाॅ. सविता निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, डाॅ. अजय कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के उप महानिदेशक तथा भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् व वन अनुसंधान संस्थान के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी शहीद स्मारक पर शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस मौके पर भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थी, क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारी, एफआरआई विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं आमंत्रित अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन पर वन शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, FRI,  National Forest Martyr’s Day, Tribute

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