उत्तराखंडसंस्कृति एवं संभ्यतासामाजिक सरोकार

‘‘फुलारी’’ में उकेरी पलायन की पीड़ा

रुद्रप्रयाग। संगीत और गायन के क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर चुके पांडवाज ग्रुप ने अपने नये गीत फुलारी के माध्यम से पलायन के चलते खाली हो चुके पहाड़ की पीड़ा को उकेरा है। इस गीत में दर्शाये गये खण्डहर गांवों के दृश्यों के माध्यम से सूबे के दयनीय हालातों को दर्शाया गया है। फुलारी गीत की जमकर सराहना हो रही है। यू-टयूब पर अभी तक फुलारी गीत को लाखों लोग देख चुके हैं।

उत्तराखंड के विख्यात लोक गायक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा गाये गये फुलारी गीत को पांडवाज ग्रुप ने नये तरीके से प्रस्तुत किया है। नये फुलारी गीत में युवा लोकगायक कविन्द्र नेगी और अंजलि खरे ने अपनी आवाज दी है। जबकि प्रसिद्ध संगीतकार ईशान डोभाल ने गीत को संगीत से सजाया है। फुलारी गीत में पलायन के कारण वीरान हो चुके गांवों को दर्शाया गया है। जब छोटे-छोटे नौनिहाल गांव में फूल डालने को जाते हैं तो अधिकांश घरों पर ताले लटके हैं और कई घर खण्डहर में तब्दील हो चुके हैं। ऐसे में बच्चे बिना फूल डाले ही वापस लौट आते हैं। बच्चों की आंखों के आंसू और खण्डहर हो चुके घर भाव-विभोर करने वाले हैं।

गीत में खण्डर हो चुके जिला मुख्यालय से सटे बर्सू गांव को दर्शाया गया है। बर्सू गांव भी कई वर्ष पहले पलायन की मार झेल चुका है। आज इस गांव में कोई नहीं रहता। आलीशान आवासीय भवन आज खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त गीत की शूटिंग प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता, दुगलविट्टा आदि क्षेत्रों में की गई है। संगीतकार ईशान डोभाल, कुणाल डोभाल और सलिल डोभाल का कहना है कि टाइम मशीन का फुलारी दूसरा गीत है। उन्होंने कहा कि पलायन के कारण आज कई गांव खाई हो चुके हैं और आलीशान आवासीय भवन खण्डहर बने हुये हैं। फुलारी गीत के माध्यम से ऐसे ही गांवों की पीड़ा को दर्शाया गया है।

Key Words : uttarakhand, Migration, Song, Narendra singh Negi, Social interest

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button