रुद्रप्रयाग में संस्कृति के संरक्षण में जुटी महिलाओं को किया सम्मानित
रुद्रप्रयाग। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के मानव विज्ञान विभाग एवं उत्तराखण्ड शौर्य अभियान पर्वतीय विकास शोध केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रानीगढ़ पट्टी के लदोली गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर संस्कृति के संरक्षण को लेकर उत्कृष्ट कार्य करने वाली क्षेत्र की दस महिलाओं को शौर्य सम्मान से नवाजा गया। पूर्व मंत्री मोहन सिंह गांववासी, मानव विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विद्या सिंह चौहान, प्रसिद्ध पर्यावरणविद्ध जगत सिंह चौधरी जंगली, पर्वतीय विकास शोध केन्द्र के नोडल अधिकारी डॉ अनिल दरमोड़ा ने संयुक्त रूप से महिलाओं को सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व पंचायती राज्य मंत्री मोहन सिंह रावत ”गांववासी” ने कहा कि पहाड़ की महिलाएं ही संस्कृति की सच्ची संवाहक हैं। आज गांव में रहकर अपनी दिनचर्या के साथ ही पुरानी संस्कृति को बचाकर महिलाएं पलायन को रोकने में अपनी अहम् भूमिका निभा रही हैं।
विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय गढ़वाल विवि श्रीनगर के मानव विज्ञान विभाग विभागध्यक्ष प्रो. विद्या सिंह चौहान ने कहा कि रानीगढ़ क्षेत्र की महिलाओं ने मांगल गीतों के साथ लोकगीत एवं लोक गाथाओं को गाकर अपनी संस्कृति को बचाने का प्रयास किया है। इस पर शोध कर अभिलेखीकरण किया जायेगा।
पर्वतीय विकास शोध केन्द्र के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद दरमोड़ा ने कहा कि प्रदेश की संस्कृति की विशिष्ट पहचान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर है और गांव को जीवित रखने के लिए संस्कृति का संरक्षण जरूरी है।
पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी “जंगली” ने कहा कि उत्तराखण्ड में संस्कृति पर्यावरण के केन्द्र बिन्दु में है। प्रदेश की संस्कृति परंपरा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है।
कार्यक्रम के दौरान मुन्नी देवी, रमा देवी, दर्शनी देवी, नीमा देवी, माहेश्वरी देवी, मुन्नी देवी, मंजू देवी, देवेश्वरी देवी, सोवती देवी, रेखा देवी को शौर्य सम्मान प्रदान किया गया।
इस मौके पर क्षेपंस भरत सिंह रावत, अमर सिंह नेगी, गोपाल सिंह चौधरी, उम्मेद सिंह बिष्ट, जगदीश रावत, देवराघवेन्द्र सिंह ब्रदी, नरेन्द्र सिंह चौधरी, प्रकाश सिंह रावत, नारायण रावत, जसवंत सिंह, पीताम्बर सिंह, बुद्धि सिंह रावत आदि मौजूद थे।
Key Words : Uttarakhand, Rudraprayag, women, Honored Conservation of Culture