सूबे के दिव्यांगों के अधिकारों को बनेगी रणनीति : रेखा आर्या
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण को आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय संस्था सीबीएम और हंस फाउंडेशन की परियोजना ‘डिजीबिलिटी इन्क्लूजिव प्रमोशन आॅफ लाॅइवलीहुड इन द हिल्स’ का हुआ आगाज
सीबीएम दुनियाभर के 70 देशों में दिव्यांगों को अधिकार सम्पन्न और आत्मनिर्भर बनाने का कर रही कार्य
देहरादून। उत्तराखंड में दिव्यांगजों को स्वावलंबी और उन्हें अधिकार संपन्न बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्था सीबीएम और हंस फाउंडेशन मुहिम चलाएगी। देश के कई राज्यों में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहे सामाजिक संगठनों और प्रदेश में इस कार्ययोजना को धरातल पर संचालित करने के लिए चयनित संगठनों के प्रतिनिधियों की तीन दिवसीय क्षमता विकास कार्यशाला का बुधवार को समापन हो गया। कार्यशाला के अंतिम दिन प्रदेश की महिला सशक्तिकरणएवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को अधिकार सम्पन्न बनाना सरकार के लक्ष्यों में शामिल है। समाजिक संगठनों की पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी और रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा।
बुधवार को दून के एक होटल में दिव्यांगों के हितों पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने सीबीएम और हंस फाउंडेशन द्वारा सूबे के दिव्यांगजों के लिए बनाई कार्ययोजना को बेहद अहम् बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए हैल्पलाइन सेवा शुरू की जाएगी जो उनके अधिकारों की प्राप्ति में मददगार साबित होगी। मंत्री आर्या ने कहा कि दिव्यांगजन को सक्षम बनाने के लिए शुरूआती दौर से ही कार्य किए जाने की जरूरत है। प्रयास किया जाएगा कि किसी भी शारीरिक अक्षमता के साथ पैदा हुए बच्चे को चिन्ह्ति कर उसे सामथ्र्यवान बनाया जाए जिससे वह अपने अधिकारों को समझ सके और मुख्य धारा में अपना योगदान दे सके।
सीबीएम की रीजनल डायेक्टर डाॅ. सारा वर्गीस ने कहा कि दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना सीबीएम का प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को अधिकार संपन्न बनाने और उनके जीवन संवर्द्धन के लिए समाज के हर वर्ग को सहयोग करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी कार्ययोजना से नहीं अपितु सामाजिक सहभागिता से ही इस लड़ाई पर जीत हासिल की जा सकती है।
सीबीएम के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर दिनेश राणा ने सीबीएम के कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उनकी संस्था दुनिया भर के करीब 70 देशों में दिव्यांगजनों को अधिकार सम्पन्न बनाने की दिशा में कार्य रही है। उन्होंने कहा कि संस्था उत्तराखंड में भी दिव्यांगजनों को स्वावलंबी और अधिकार सम्पन्न बनाना चाहती है। सीबीएम की सोच यह है कि दिव्यांगजन जिस समुदाय में रहता है उसके जीवन को वहीं सार्थक और सशक्त बनाया जाए।
हंस फाउंडेशन के परियोजना निदेशक विजय जमवाल ने कहा कि उनका संस्थान प्रदेश के दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने के लिए तत्पर है। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में उनके संस्थान की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यशाला के अंतिम दिन मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों सहित उत्तराखंड में दिव्यांगजनों के अधिकारों के लिए कार्य रहे सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी। इस मौके पर मध्यप्रदेश के बैतूल स्थित नमन संस्था के निदेशक शिशिर चौधरी, महाराष्ट्र के अमरावती, यूपी के गोरखपुर से पीजीएसएस एवं उत्तराखंड के मसूरी से हिमालयन ज्योति, एवं कोटद्वार की संजीवनी संस्था के प्रतिनिधियों ने दिव्यांगजनों के लिए किए जा रहे कार्यों को लेकर अपने अनुभव साझा किए।
कार्यशाला में बंगलूरू से आए दिव्यांगजन कम्यूनिटि के प्रशिक्षकों मोहन जी और जयकुमार ने दिव्यांगता से जुड़े अपने अनुभवों को बताते हुए समावेशित विकास सम्बंधी महत्वपूर्ण टिप्स प्रतिभागियों को दिए। उन्होंने कई प्रयोगों के माध्यम से भी अपनी बात को प्रतिभागियों के समक्ष रखा।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. आरएस रावत ने किया।
इस अवसर पर नमन संस्था की चेयरपर्सन सुमन दुर्बे, संजीवनी संस्था के सचिव महेश घुघत्याल, हिमालय ज्योति संस्था के मनोज रावत सहित प्रदेश भर से पहुंचे कई दिव्यांगजन शामिल थे।
उत्तराखंड के तीन जिलों में संचालित होगा कार्यक्रम:
देहरादून। ‘डिजीबिलिटी इन्क्लूजिव प्रमोशन आॅफ लाॅइवलीहुड इन द हिल्स’ कार्यक्रम प्रथम चरण में सूबे के अल्मोड़ा जनपद के स्याल्दे एवं चैखटिया ब्लाॅक, रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ और देहरादून जिले के चकराता ब्लाॅक में संचालित किया जाएगा।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Minister Rekha Arya, Divyang Strategies, Rights Of the province