गंगा की अविरलता की खातिर बहुआयामी प्रयास जरूरी : मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयोजित ” दि समिट ऑफ सॉल्यूसन्स-2018″ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को स्वच्छ करने का सपना देखा है और हमें इस सपने को पूर्ण करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को अपना सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए हमें बहुआयामी प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें खुशी है कि आज जिन पांच राज्यों, जिनसे गंगा गुजरती है, उन राज्यों के जनप्रतिनिधि एक दिशा में प्रयास करने के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए भी प्रयासरत है। हम देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्ययोजना बना रहे हैं। रिस्पना नदी को स्वच्छ करने के लिए रिस्पना के उद्गम से संगम तक एक दिन में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
वृक्षारोपण इसका एक महत्वपूर्ण घटक है, हमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल भी कम करना होगा। उत्तराखण्ड के लोगों की ज्यादा जिम्मेदारी है। हमें उन सभी धाराओं को जीवित रखना होगा जिनसे मिलकर गंगा बनती है। हमें नदियों के प्रवाह को बनाए रखने के लिये अपने खेतों का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में रोकना होगा। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग भी इसका एक बहुत अच्छा उपाय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े-बड़े काम सरकार करेगी मगर छोटे-छोटे काम आमजन को अपने हाथ में लेने होंगे। यदि सब मिलकर एक दिशा में प्रयास करेंगे तो यह कार्य सफल जरूर होगा। भविष्य को ठीक करने के लिए हमें वर्तमान में सुधार करने होंगे।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हमें नदियों को बचाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंगा को बचाए रखने के लिए जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण द्वारा प्राप्त सुझावों पर कार्य किया जाएगा।
Key Words : Uttrakhand, Dehradun, CM, Ganga, Multi-Dimensional, Effort